दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायिक सदस्यों के परिवारों को सहायता राशि देने के संबंध में याचिका दायर
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के कारण जान गंवा चुके हर न्यायिक सदस्य के परिवार को 1-1 करोड़ रुपए अनुग्रह राशि देने और उन्हें अग्रिम मोर्चे के योद्धा करार देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की और दिल्ली सरकार से इस पर अपना जवाब देने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और याचिका पर अपना जवाब देने को कहा।
यह याचिका वकील तनवीर अहमद मीर ने दायर की है जिसमें ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने की वजह से जान गंवाने वाले उच्च न्यायालय एवं निचली अदालतों के कर्मियों की जानकारी मुहैया कराने और उनके परिजन को 50-50 लाख रुपए अनुग्रह राशि देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि बड़ी संख्या में निचली अदालत के अधिकारी, अदालत के कर्मी और रजिस्ट्री अधिकारी अपने निकटतम संबंधियों की मौत हो जाने और अपने परिजन के चिकित्सकीय खर्चे वहन नहीं कर पाने के कारण 'कष्टदायी अनुभव से गुजर' रहे हैं।
याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर रहकर काम करने वाले सरकारी अधिकारियों एवं कर्मियों के परिजन को समय-समय पर राहत दी है, लेकिन न्यायिक अधिकारियों, अदालत के कर्मियों और रजिस्ट्री अधिकारियों के संबंध में इस प्रकार के कोई कदम नहीं उठाए गए। (भाषा)