गुड फ्रायडे : प्रभु यीशु का बलिदान दिवस
* गुड फ्रायडे और शुभ शुक्रवार का क्या है संबंध, जानिए
* पढ़ें यीशु के निःस्वार्थ बलिदान की गाथा
प्रतिवर्ष ईसाई समुदाय क्रूस पर प्रभु ईसा मसीह की बलिदान की वर्षगांठ को गुड फ्रायडे के रूप में मनाता है। इससे पहले 40 दिनों में उपवास, ईशवचन, त्याग व तपस्या कर स्वयं को आध्यात्मिक रूप से दृढ़ बनाते हैं। इसे शुभ शुक्रवार के नाम से भी जाना जाता है।
ईसा मसीह के यरुशलम में विजयी प्रवेश को खजूर रविवार के नाम से मनाया जाता है। खजूर रविवार के बाद आने वाला गुरुवार 'पवित्र गुरुवार' कहलाता है।
इस दिन प्रभु ईसा ने अंतिम भोजन के समय अपने शिष्यों को यह आज्ञा दी थी, 'तुम एक-दूसरे को प्रेम करो, जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है। यदि तुम आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे शिष्य हो।'
फिर प्रभु के क्रूस पर मरण की घटना का महान दिन 'शुभ शुक्रवार' या 'गुड फ्रायडे' को स्मरण किया जाता है।
ईसा ईश्वर का पुत्र होने के बावजूद कई घटनाएं जो उनके साथ घटीं, वे मानवीय प्रतिभा का आभास दिलाती हैं।
जैसे ईसा ने बहुत ऊंचे स्वर से चिल्लाकर कहा, 'हे मेरे परमेश्वर! हे मेरे परमेश्वर! तूने मुझे क्यों छोड़ दिया' और 'मैं प्यासा हूं।' यह इस बात की ओर इशारा है कि वे प्रभु परमेश्वर के मानव पुत्र होते हुए भी क्रूस पर पीड़ा सहन कर रहे हैं।
ईसा मसीह केवल ईसाइयों के आराध्य पुरुष नहीं हैं। वे तो संपूर्ण मानव जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि सत्य, अहिंसा, प्रेम, क्षमा, त्याग ही मानवीयता के केंद्रबिंदु हैं और यही ईसाई धर्म का सार है।