ईस्टर : ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व
प्रभु यीशु मृत्यु के बाद फिर जी उठे थे
क्रिसमस के दिन यीशु ख्रीस्त का जन्म हुआ, गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु की मृत्यु (शुभ शुक्रवार) और ईस्टर के दिन (तीसरे दिन रविवार) प्रभु यीशु जी उठे। सभी मनुष्य मृत्युमय हैं अर्थात कोई भी प्राणी मृत्यु से बच नहीं सकता। यह एक अनोखी घटना है कि प्रभु ईसा मसीह मृत्यु के बाद फिर से जी उठे। बाइबल के चारों सुसमाचारों में ईस्टर का वर्णन दिया गया है। यूहन्ना ने इस संदर्भ में निम्नलिखित बातें लिखीं।
सप्ताह के पहले दिन (रविवार) मरियम मगदलीनी भोर को अंधेरा रहते ही कब्र पर आई और पत्थर को कब्र से हटा हुआ देखा। तब वह दौड़ी और शमौन पतरस और उस दूसरे चेले के पास जिससे यीशु प्रेम रखते थे आकर कहा- वे प्रभु को कब्र में से निकाल ले गए हैं और हम नहीं जानते कि उसे कहां रख दिया है। तब पतरस और वह दूसरा चेला निकल कर कब्र की ओर चले और दोनों साथ-साथ दौड़ रहे थे, परंतु दूसरा चेला पतरस से आगे बढ़कर कब्र पर पहले पहुंचा और झुक कर कपड़े पड़े देखे, तो भी वह भीतर गया।तब शमौन पतरस उसके पीछे-पीछे पहुंचा और कब्र के भीतर गया और कपड़े पड़े देखे और वह अंगोछा जो उसके सिर से बंधा हुआ था, कपड़ों के साथ पड़ा हुआ नहीं, परंतु अलग एक जगह लपेटा हुआ देखा। तब दूसरा चेला भी जो कब्र पर पहले पहुंचा था, भीतर गया और देखकर विश्वास किया।