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14 नवंबर : पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती, जानें 15 खास बातें

14 नवंबर : पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती, जानें 15 खास बातें - Jawaharlal Nehru Birth Anniversary
1. Pandit Jawahar Lal Nehru: स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई में अपना अहम् योगदान देने वाले तथा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर को मनाई जाती है। आइए जानते हैं उनके बारे में- 
 
2. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ। 
 
3. हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर 1912 में नेहरूजी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और वे बार में बुलाए गए। 
 
4. पंडित नेहरू शुरू से ही गांधी जी से प्रभावित रहे और 1912 में कांग्रेस से जुड़े। 
 
5. 1920 के प्रतापगढ़ के पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। 
 
6. 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में नेहरू घायल हुए और 1930 के नमक आंदोलन में गिरफ्तार हुए। उन्होंने 6 माह जेल काटी। 
 
7. 1935 में अलमोड़ा जेल में 'आत्मकथा' लिखी।
 
8. उन्होंने अपने कार्यकाल में 6 बार कांग्रेस अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया, जिसमें लाहौर 1929, लखनऊ 1936, फैजपुर 1937, दिल्ली 1951, हैदराबाद 1953 और कल्याणी 1954 आदि शामिल है। 
 
9. 1942 के 'भारत छोड़ो' आंदोलन में नेहरू जी 9 अगस्त 1942 को मुंबई (बंबई) में गिरफ्तार हुए और अहमदनगर जेल में रहे, जहां से 15 जून 1945 को रिहा किए गए।
 
10. नेहरू जी के कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना, राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थायी भाव प्रदान करना और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करना आदि उनके मुख्य उद्देश्य रहे।
 
11. पंडित नेहरू ने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं। 
 
12. जवाहर लाल नेहरू ने पंचशील का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 1954 में 'भारत रत्न' से अलंकृत हुए। नेहरूजी ने तटस्थ राष्ट्रों को संगठित किया और उनका नेतृत्व किया।
 
13. नेहरू जी चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढ़ाया, लेकिन 1962 में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया। और नेहरू जी पाकिस्तना और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। 
 
14. नेहरू जी के लिए चीन का आक्रमण एक बड़ा झटका था और शायद इसी वजह से 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। 
 
15. आजादी के पहले गठित अंतरिम सरकार में और आजादी के बाद 1947 में भारत के प्रधानमंत्री बने, उन्होंने विश्व भ्रमण किया और अंतरराष्ट्रीय नायक के रूप में पहचाने गए। तथा 27 मई 1964 को उनके निधन तक इस पद पर बने रहे।