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Written By रवि भोई
Last Updated : बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (19:52 IST)

बागियों ने बढ़ाई छत्तीसगढ़ भाजपा की मुसीबत

बागियों ने बढ़ाई छत्तीसगढ़ भाजपा की मुसीबत -
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में भाजपा के लिए उनके अपने ही लोग अब परेशानी का सबब बन गए हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा के कई लोग निर्दलीय खड़े हो गए हैं। ये लोग भाजपा के ही वोट काटने वाले हैं। बागियों के कारण भाजपा का समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहा है। भाजपा के बड़े नेताओं को डेमेज कंट्रोल में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।

टिकट नहीं मिलने व पार्टी में उपेक्षा से दुखी पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की भतीजी व पूर्व सांसद करुणा शुक्ला ने मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह के खिलाफ मैदान में कूद गई हैं। हाल में पार्टी से इस्तीफा देकर छत्तीसगढ़ भाजपा में खलबली मचाने वाली शुक्ला का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने भाजपा के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया है।

करुणा शुक्ला ने बुधवार को मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र राजनांदगांव में कांग्रेस प्रत्याशी अलका मुदलियार के पक्ष में प्रचार किया। करुणा व अलका ने गले मिलकर डॉ. रमन को हराने के लिए एकसाथ काम करने की बात की। करुणा ने कहा कि वे शुरू से रमन की विरोधी थीं। पार्टी के भीतर मैं अकेले ही डॉ. रमन के गलत कामों का विरोधी करती थी।

करुणा शुक्ला अब भाजपा के अन्य बागी उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार में जाएंगी। पूर्व सांसद ने बताया कि भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ रहे लोगों का उन्हें न्योता मिला है।
भाजपा को सबसे ज्यादा दिक्कत राजनांदगांव जिले में है। यहां खुज्जी से भाजपा के पूर्व मंत्री रजिन्दरपाल सिंह भाटिया बागी चुनाव लड़ रहे हैं।

भाटिया को टिकट नहीं देने से सिख समाज नाराज है। सिख समाज की नाराजगी का नुकसान भाजपा को पूरे प्रदेश में होने के संकेत हैं। समाज की तरफ से भाजपा को वोट नहीं देने के लिए संदेश भेजे जाने की खबर भी है।

कांग्रेस ने इस बार सिख समाज से 3 लोगों को टिकट दिया है। भाटिया की टिकट पिछली बार भी पार्टी ने काटी थी। लेकिन नया प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका। वह सीट कांग्रेस के कब्जे में चली गई।

महासमुंद सीट से भाजपा के बागी डॉ. विमल चोपड़ा मैदान में हैं। भाजपा के श्रमिक विंग में सक्रिय डॉ. चोपड़ा ने पिछली बार भी भाजपा का खेल बिगाड़ा था। डॉ. चोपड़ा भाजपा के पुराने नेता हैं और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से उनकी पकड़ अच्छी है, लेकिन स्थानीय राजनीति में वे तालमेल नहीं बैठा पा रहे है, वहीं कुर्मी व साहूवाद के चलते उनकी टिकट कट रही है।

जशपुर में पूर्व मंत्री गणेशराम भगत भाजपा का खेल बिगाड़ने में लगे हैं। कुरुद में पूर्व मंत्री यशवंत राव मेघावाले के बेटे प्रभात मेघावाले भाजपा प्रत्याशी अजय शंकर को परेशानी में डाल दिया है। मेघावाले धमतरी जिला भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं।

भाजपा ने 6 बागियों को पार्टी से निकाल दिया है, लेकिन टिकट वितरण से दुखी पार्टी के भीतर के लोग भी बेमन से काम कर रहे हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय व नंदकुमार साय की सक्रियता भी नजर नहीं आ रही है।

वैसे भाजपा कुछ बागियों को मनाने में कामयाब हो गई। कवर्धा से टिकट कटने से नाराज संसदीय सचिव सियाराम साहू मान गए हैं। भाजपा अपने प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए आज से अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारेगी।