हैप्पी छठ पूजा : आज खरना है, 10 बातों से जानिए इस दिन का महत्व
Chhath Puja 2021 : छट पूजा के दूसरे दिन घर में खरना का आयोजन होता है। खरना को लोहंडा भी कहते हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। खरना क्या होता है और क्या है इसका महत्व, आओ जानते हैं 10 खास बातों के माध्यम से।
खरना ( Chhath Puja 2021 Kharna) :
1. छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय का होता है जिसमें साफ-सफाई और शुद्ध शाकाहारी भोजन सेवन का पालन किया जाता है। नहाय खहाय के बाद सूर्य और छठी मैया को घर में स्थापित कर उनका पूजा किया जाता है और इसके बाद दूसरे दिन खरना होता है।
2. खरना एक प्रकार से शुद्धिकरण की प्रकिया है। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगले 36 घंटे का कठिन व्रत प्रारंभ हो जाता है जो सप्तमी की सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही खुलता है।
3. खरना में महिलाएं नित्यकर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनती हैं और नाक से माथे के मांग तक सिंदूर लगाती हैं।
4. इस दिनभर व्रत रखने के बाद शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर साठी के चावल और गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद तैयार करती हैं।
5. पूजा के बाद उसी भोजन को खाती है और घर के अन्य सदस्यों को प्रसाद रूप में इसे दिया जाता है। पूजा के लिए मौसमी फलों और सब्जियों का प्रयोग होता है।
6. प्रसाद के रूप में गन्ने के रस या गुड़ में बनी खीर चढ़ाई जाती है। इसके अलावा पूड़िया, ठेकुआ (Thekua), खजूर बनाया जाता है।
7. कई घरों में चावल का पिट्ठा भी बनाया जाता है। इसे में शाम को ग्रहण किया जाता है।
8. लोग उन घरों में जाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिन घरों में पूजा होती है।
9. खरना में दिन भर व्रत के बाद व्रती रात को पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर खाकर उसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करते हैं।
10. खरना के दिन से छठ पूजा समाप्त होने तक व्रत करने वाली महिलाएं चादर बिछाकर सोती हैं और सप्तमी के पारण के बाद व्रत खोलती है।