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Last Modified: मंगलवार, 26 जुलाई 2022 (15:59 IST)

शतरंज को जुआ मानता है तालिबान, ओलंपियाड के लिए खिलाड़ियों को नहीं दे रहा अनुमति

शतरंज को जुआ मानता है तालिबान, ओलंपियाड के लिए खिलाड़ियों को नहीं दे रहा अनुमति - Taliban not allowing chess players to participate in Olympiad
नई दिल्ली: अफगानिस्तान के खिलाड़ी भारत में होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने के लिये अब भी सत्तारूढ़ तालिबान सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘अफगानिस्तान के शतरंज खिलाड़ियों ने ओलंपियाड में भाग लेने के लिये वीजा आवेदन किया था, लेकिन तालिबान सरकार ने उन्हें अभी तक मंजूरी नहीं दी है।’’

तालिबान पिछले साल से अफगानिस्तान में सत्ता में है और वह शतरंज खेल का विरोधी है और इस खेल को जुए का एक रूप मानता है।भारत पहली बार शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है। इस प्रतियोगिता में रिकॉर्ड 187 देशों के भाग लेने की संभावना है।

एआईसीएफ के सचिव भरत सिंह चौहान ने कहा, ‘‘अभी की स्थिति के अनुसार पाकिस्तान सहित 187 देशों की 343 टीम ओलंपियाड में हिस्सा लेंगी। प्रत्येक खिलाड़ी के लिये वीजा प्रक्रिया का भी ध्यान रखा गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक ​​​​अफगानिस्तान की भागीदारी का सवाल है, वहां की राजनीतिक स्थिति के कारण इसकी संभावना कम लगती है। एक दो दिनों में सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।’’

इस बीच एआईसीएफ के सूत्रों ने कहा कि कोसोवो के खिलाड़ी विश्व शतरंज की सर्वोच्च संस्था फिडे के ध्वज के तले खेलेंगे। ऐसा इस विवादित राष्ट्र के प्रति भारत के रवैये के कारण किया गया है।

कोसोवा ने 2008 में सर्बिया से एकतरफा स्वतंत्रता की घोषणा की थी जिसे भारत पूरी तरह से अस्वीकार करता है।इस बीच चेन्नई में 28 जुलाई से 10 अगस्त तक होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड से पहले भारत सरकार ने बुधवार को स्मारक डाक टिकट जारी किया।

एआईसीएफ के अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा, ‘‘यह भारतीय खेलों के लिये महत्वपूर्ण अवसर है। शतरंज ओलंपियाड जैसी प्रतियोगिता के लिये जारी किया गया टिकट देश में शतरंज को बढ़ावा देने के प्रति सरकार की पूरी प्रतिबद्धता को दिखाता है।’’(भाषा)
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