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Written By समय ताम्रकर
Last Updated : सोमवार, 10 नवंबर 2014 (14:42 IST)

बैंग बैंग : फिल्म समीक्षा

बैंग बैंग : फिल्म समीक्षा -
बॉलीवुड वाले चोरी-छिपे हॉलीवुड फिल्मों से कहानियां और दृश्य चुराया करते थे। उन पर न केवल हॉलीवुड वालों ने लगाम कसी बल्कि अपनी हिट फिल्म 'नाइट एंड डे' का हिंदी रिमेक 'बैंग बैंग' नाम से बनाया है। फॉक्स स्टार स्टुडियो के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से फिल्म बनाना मामूली बात है, लेकिन हिंदी फिल्म में इतने दाम में शायद ही किसी ने फिल्म बनाई हो। 
 
इतनी महंगी फिल्म होने से दर्शकों की उम्मीद का बढ़ना भी स्वाभाविक है। फिल्म में जबरदस्त एक्शन, शानदार लोकेशन और बॉलीवुड के दो खूबसूरत चेहरे हैं, जो रोमांचित करते हैं, लेकिन साथ ही फिल्म में कई बोरियत से भरे लम्हों को भी झेलना पड़ता है। फिल्म ठीक-ठाक है, देखी जा सकती है, लेकिन ऐसी भी नहीं है जो लंबे समय तक याद की जा सके। जरूरी नहीं है कि ज्यादा पैसा लगाने से ही फिल्म अच्छी बनती हो। 
 
बैंक रिसेप्शनिस्ट हरलीन (कैटरीना कैफ) शिमला में बोरिंग लाइफ जी रही है। जिंदगी में रोमांच लाने के लिए 'ट्रू लव डॉट कॉम' वेबसाइट के जरिये एक अनजान शख्स विक्की के साथ वह ब्लाइंड डेट फिक्स करती है। राजवीर (रितिक रोशन) को वह विक्की समझ लेती है। बात कुछ आगे बढ़े इसके पहले ही राजवीर पर कुछ लोग गोलियों की बरसात करते हैं। परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती है कि हरलीन को न चाहते हुए भी राजवीर के साथ रहना पड़ता है। दरअसल राजवीर ने कोहिनूर हीरा चुरा रखा है, जिसे पाने के लिए पुलिस और एक गैंग उसके पीछे लगे हुए हैं।
 
फिल्म की स्क्रिप्ट को सुभाष नायर और सुजॉय घोष ने लिखा है। इस एक्शन मूवी को हरलीन के नजरिये से दिखाया गया है। हरलीन के दिमाग में राजवीर को लेकर कई सवाल है, जो दर्शकों के दिमाग में भी पैदा होते हैं। जैसे वह कौन है? क्या चाहता है? उसके पीछे लोग और पुलिस क्यों पड़ी है? उसकी आगे की क्या योजना है? कोहिनूर हीरा उसने क्यों चुराया है? इनके जवाब फिल्म में लंबे समय तक नहीं मिलते हैं और कई बार झुंझलाहट भी होती है कि आखिर बात को इतना खींचा क्यों जा रहा है। धीरे-धीरे सवालों के जवाब मिलते हैं, लेकिन इनके जवाब दर्शक अपनी समझ से पहले ही पा लेता है। 
फिल्म में कहानी जैसा कुछ नहीं है और सारा दारोमदार इस बात पर है कि परदे पर जो घटनाक्रम चल रहा है उसके जरिये दर्शकों को बांधा जाए। राजवीर-हरलीन तथा उनको पकड़ने वालों की भागमभाग का सफर है उसमें दर्शकों को मजा आए। पूरी फिल्म एक क्लाइमैक्स की तरह लगती है। राजवीर-हरलीन इस देश से उस देश भागते रहते हैं। इस भागमभाग में एक्शन, रोमांस और कॉमेडी है। ये सफर कई बार मजेदार लगता है तो कई बार बोरिंग। एक्शन के आते ही फिल्म अपने चरम पर आ जाती है, रोमांस ठीक-ठाक है, लेकिन ड्रामा इसकी कमजोर कड़ी है। फिल्म के विलेन का कोहिनूर को चोरी करवाने का जो कारण बताया गया है वो बेहद लचर है।
 
फिल्म का निर्देशन सिद्धार्थ आनंद ने किया है। एक ऐसे शख्स पर डेढ़ सौ करोड़ रुपये लगाना जिसने अभी तक ढंग की हिट नहीं बनाई है, आश्चर्य की बात है। सिद्धार्थ के सामने 'नाइट एंड डे' मौजूद थी, इसलिए उनका काम आसान था। प्रस्तुतिकरण में उन्होंने ध्यान रखा कि यह अंग्रेजी फिल्म जैसी स्टाइलिश लगे, लेकिन बॉलीवुड के फॉर्मूले से भी वे बच नहीं पाए। खलनायक को उन्होंने टिपिकल तरीके से पेश किया। सिद्धार्थ के निर्देशन में वो कसावट नजर नहीं आती है जो 'नाइट एंड डे' के प्रस्तुतिकरण में है। 
 
फिल्म का एक्शन सबसे बड़ा प्लस पाइंट है, हवाई जहाज, स्टीमर, कारों के जरिये रोमांच पैदा किया गया है और इन एक्शन सींस को बहुत ही सफाई के साथ फिल्माया गया है। इंटरवल के ठीक पहले कार चेजिंग सीन लाजवाब है। 
 
बॉलीवुड के दो सबसे खूबसूरत चेहरे रितिक रोशन और कैटरीना कैफ की जोड़ी शानदार है। रितिक रोशन को बहुत कम कपड़े पहनने को दिए गए हैं ताकि वे अपनी बॉडी का प्रदर्शन कर सके। इस रोल को निभाने के लिए जिस स्टाइल और एटीट्यूड की जरूरत थी उस पर रितिक खरे उतरे हैं। एक्शन सीन उन्होंने बखूबी निभाए। कैटरीना कैफ बेहद मासूम और खूबसूरत लगी। बात को थोड़ा देर से समझने वाली लड़की का किरदार उन्होंने अच्‍छे से निभाया। कैटरीना और उनकी दादी के बीच के दृश्य अच्‍छे हैं। डैनी को कम फुटेज मिले हैं। जावेद जाफरी और पवन मल्होत्रा अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
 
फिल्म में दो-तीन गाने अच्छे हैं। 'तू मेरी' में रितिक का डांस देखने लायक है। बैकग्राउंड म्युजिक फिल्म को भव्य बनाता है। फोटोग्राफी, लोकेशन और तकनीकी रूप से फिल्म दमदार है।
 
कुल मिलाकर 'बैंग बैंग' तभी अच्‍छी लगेगी जब ज्यादा उम्मीद लेकर थिएटर में न जाया जाए। यूं तो फिल्म ढाई स्टार के लायक है, लेकिन एक्शन की वजह से आधा स्टार अतिरिक्त दिया जा सकता है।
 
बैनर : फॉक्स स्टार स्टुडियो
निेर्देशक : सिद्धार्थ आनंद
संगीत : विशाल शेखर
कलाकर : रितिक रोशन, कैटरीना कैफ, डैनी, जावेद जाफरी, पवन मल्होत्रा
सेंसर सर्टिफिकेट : युए * 2 घंटे 36 मिनट 
रेटिंग : 3/5