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Last Updated : गुरुवार, 29 अगस्त 2019 (21:24 IST)

Exclusive Interview : लड़कियों से घबराने वाले प्रभास कैसे करते हैं रोमांटिक सीन

Exclusive Interview : लड़कियों से घबराने वाले प्रभास कैसे करते हैं रोमांटिक सीन - Exclusive Interview of Saaho star prabhas in which he tells about marriage plan, hindi and his shy nature
"मैंने अभी तक अपनी ज़िंदगी में किसी लड़की के बारे में नहीं सोचा है। शादी के बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकता। मैं शूट में ही मसरूफ रहता हूँ। मेरे निर्देशक जैसे राजामौली या सुदीप भी मुझसे शूट पर शूट कराते हैं और बाहर जाने का टाइम ही नहीं देते तो कैसे मैं अपने लिए लड़की देखूँ ? 'साहो' रिलीज़ हो जाए तो फिर मैं समय निकाल कर लड़कियाँ देखूँगा।'' 
 
ये कहना है फिल्म स्टार प्रभास का जो दक्षिण में तमिल और तेलुगु फ़िल्मों की राह पकड़ कर हिंदी फ़िल्म बाहुबली के ज़रिए लोगों और ख़ासकर लड़कियों और महिलाओं की पसंद बने। प्रभास अभी तक किसी भी खास मोहतरमा के बारे में बात करते नहीं सुने गए है। अपनी फिल्म 'साहो' के प्रमोशन के दौरान प्रभास ने वेबदुनिया संवाददाता को अपने करियर और अपनी पसंद नापसंद की बातें बताईं।
 
तो कोई सपनों की रानी नहीं है?
अब कहां सपनों की रानी वाली उम्र रही है? अब तो आमने-सामने मिलना पड़ेगा। 
प्रभास, आपने 'साहो' में हिंदी डायलॉग के लिए कोई खास तैयारी की?
हिंदी डायलॉग मेरे लिए आसान नहीं थे। जो भाषा आप घर में बोलते हैं वो भाषा आपके लिए सबसे आसान होती है। इसलिए तेलुगु मेरे लिए सबसे आसान भाषा है। मैंने कुछ समय दक्षिण के दूसरे प्रांत में भी बिताया है इसलिए मेरे लिए तमिल भी आसान है। हम हैदराबाद में रहते हैं तो वहां हिंदी बोलना आम बात है, लेकिन फिर भी वहां की हिंदी और यहां की हिंदी में बहुत अंतर है।


 
मैंने तो हिंदी भाषा में पढ़ाई की है। मुझे हिंदी बोलना और पढ़ना दोनों आता है। सेट पर मेरे हिंदी के मास्टर कमल मेरे साथ ही रहा करते थे और मेरी हिंदी डायलॉग बोलने में मदद करते थे। उन्हें भी मैंने कहा कि मेरे डायलॉग हिंदी में ‍लिख कर दीजिए क्योंकि अंग्रेज़ी में लिखे डायलॉग में वो फील नहीं आती। समझ नहीं आता कि पूर्णविराम या कॉमा कहां लगा दिया? भावों को दिखाने में हिंदी मदद करेगी। कमल तो चौंक ही गए बोले ये तो बहुत अच्छी बात होगी। मुझे भी समझाना आसान रहेगा। फिल्म में आपने जितने डायलॉग मुझे बोलते सुनेंगे वो मैंने हिंदी भाषा में ही लिखवाए हैं और पढ़ कर बोले हैं।
 
आपको पता है कि अमिताभ बच्चन भी ऐसे ही हिंदी में लिखे डायलॉग पढ़ते हैं।
कहां मैं कहां वो। उनसे समानता तो मैं कर ही नहीं सकता। 


 
आप बचपन में कैसे थे? 
मैं बहुत शर्मीला रहा हूँ। लड़कियों से बात भी नहीं करता था। लेकिन मैं बहुत शरारती था। कई बार मेरी शरारतें पकड़ ली जाती थीं। कई बार जब टीचर्स पढ़ा रहे होते थे तो मैं अपनी बेंच छोड़ दोस्तों के पास बैठ जाता था या क्लास के बाहर देखने लगता था। ऐसे में कोई टीचर पकड़ लेते तो मैं उन्हें घूरने लगता था और फिर वो पूछते ऐसे क्यों देख रहे हो तो मैं कहता कुछ नहीं, ऐसे ही। कई बार बेंच पर खड़ा रहा हूँ। कई बार क्लास के बाहर निकाला गया हूं। इसके अलावा भी खूब शैतानियाँ की हैं जो मैं आपको नहीं बताने वाला।
 
आप कहते हैं आप लड़कियों से बात नहीं करते थे, तो फिर अब रोमांटिक सीन कैसे कर लेते हैं? 
मैं रोमैंटिक हूँ, वरना कैसे करता ये सब सीन? लेकिन पहली फिल्म में बड़ी मुश्किल आई थी। मैं फिल्म सेट पर ये सब कर लेता हूं, लेकिन सड़कों पर या मैदान में रोमांस नहीं कर सकता। मेरी जो पहली फिल्म थी उसके लिए हम दो-ढाई महीने तक हैदराबाद की सड़कों पर ही शूट करते रहे। एक सीन में लड़की मेरे पास दौड़कर आती है, मुझे हग करती है। मैं इतना शरमा गया कि मैंने उसे छूना भी गवारा नहीं समझा। उस समय हमारे पास वैनिटी वैन या मॉनिटर जैसी सुविधाएं नहीं थीं ताकि मैं देख सकूं कि कैसे यह सीन दिख रहा है। शूट के अगले दिन मेरे निर्देशक ने मुझे एडिट रूम में बुलाया। निर्देशक ने मुझे वो सीन दिखाया और कहा कि हीरोइन तुम्हारे पास आ रही है। गले लग कर रो रही है। तुम कम से कम उसे छू तो लो। तब मुझे समझ आया और मैं सॉरी बोला। कहा इस बार नहीं किया अगली बार कर लूँगा। लेकिन सच में मुझे समझ नहीं आता था कि कैसे किसी लड़की को छू लूँ?

 
तो फ़िल्मों में भी लड़कियों ने ही पहल की आपको ले कर? 
(शरमाते हुए) मैं कोई कठोर इंसान नहीं हूँ। आमतौर पर मेरा सारी हीरोइनें मेरे साथ आरामदायक महसूस करती हैं। उन्हें मुझसे कोई दिक्कत नहीं होती। अब इस फिल्म में श्रद्धा कपूर की ही बात लें तो एक-दो दिन बाद हम कंफर्टेबल हो गए थे। मैं उसे तमिल डायलॉग में मदद करता था, हालांकि उसे बहुत मदद की आवश्यकता नहीं थी। वो मुझे हिंदी डायलॉग में मदद करती थी जहां मुझे बहुत सहायता चाहिए थी।