दंगल के ट्रेलर का रिव्यू
आमिर खान हर काम बहुत सोच-विचार कर करते हैं और जब हाथ में लेते हैं तो उसे परफेक्ट बना कर ही छोड़ते हैं। 23 दिसम्बर को उनकी फिल्म 'दंगल' प्रदर्शित होने जा रही है और ट्रेलर लांच हो गया है। ट्रेलर सीधे-सीधे कहानी का खुलासा करता है और दर्शकों को तैयार करता है कि वे किस तरह की फिल्म देखने वाले हैं। यह किसी भी फिल्म के ट्रेलर का सीधा और सच्चा तरीका है जो दर्शकों की मानसिकता बनाता है।
ट्रेलर से पता चलता है कि एक पहलवान का सपना है कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने का। वो पूरा नहीं हो पाता तो अपने बेटे से उम्मीद लगा बैठता है। बेटियां होती हैं तो सपने को पेटी में बंद कर देता है। कुश्ती को वह लड़कों का ही खेल समझता है। जब लड़कियों में उम्मीद की किरण नजर आती है तो सपने को पेटी से निकाल पूरा करने में जुट जाता है। निश्चित रूप से इस यात्रा को देखना रोचक होगा।
आमिर खान ने अपने चरित्र के लिए कितनी मेहनत की है ये बात ट्रेलर से पता चलती है। उन्होंने अपनी भाषा पर विशेष ध्यान दिया है। साथ ही वजन घटाना और बढ़ाना उनके जैसा अभिनेता ही कर सकता है।
कुछ महीने प्रदर्शित 'सुल्तान' में भी कुश्ती थी, लेकिन यहां 'बेटियों' के शामिल होने से फिल्म का महत्व बढ़ जाता है। ट्रेलर में कुश्ती के सीन भी दिखाए जो वास्तविक लगते हैं।
कुल मिलाकर सवा तीन मिनट का ट्रेलर असर छोड़ता है और पूरी फिल्म की झलक पेश करता है।