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Last Updated :पटना , मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015 (18:58 IST)

मोदी प्रभाव के कारण बिहार में बढ़ा मतदान

मोदी प्रभाव के कारण बिहार में बढ़ा मतदान - Modi effect in Bihar election
पटना। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एमजे अकबर ने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राजग के सत्ता में आने को लेकर विश्वास जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव है कि सोमवार को संपन्न प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव में भारी संख्या में लोगों के अपने मताधिकार का उपयोग किया।
 
अकबर ने बिहार विधानसभा के प्रथम चरण के तहत 49 विधानसभा क्षेत्रों में संपन्न मतदान में लोगों के भारी संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग किए जाने पर कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव है।
 
उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव बाद राजग के सत्ता में आने और अगले पांच सालों के दौरान इस प्रदेश में ‘कमल क्रांति’ आने का दावा किया।
 
अकबर ने कहा कि पहले चरण के मतदान के दौरान 57 प्रतिशत मतदाताओं के अपने मताधिकार का उपयोग किया जाना बिहार की जनता का प्रदेश में सत्ता परिवर्तन कर विकास का फल चखने की तड़प को दर्शाता है।
 
उन्होंने दावा किया कि माओवादियों के गढ़ में भारी मतदान माओवादियों के प्रधानमंत्री के माओवादियों के हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील का असर है।

राज्यसभा सदस्य अकबर ने कहा कि युवाओं और महिलाओं का भारी संख्या में मतदान केंद्र पहुंचना उनके अपार उत्साह को दर्शाता है और ऐसा बिहार विधानसभा चुनाव के बाकी अन्य चार चरणों में देखने को मिलेगा। उन्होंने बिहार के नगर विकास और उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अवधेश कुशवाहा के परसों सोशल मीडिया पर दिखाए गए एक स्टिंग आपरेशन की इशारा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन को ‘भ्रष्ट गठबंधन’ की संज्ञा दी।

अकबर ने आरोप लगाया कि प्रदेश की जदयू सरकार के करीब पांच मंत्रियों के स्टिंग आपरेशन की चपेट में आने की अटकलें बिहार की वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार की प्रकाष्ठा को दर्शाती है।

उन्होंने प्रदेश सरकार की एजेंसियों के भ्रष्टाचार के उक्त मामले की जांच कर पाने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराए जाने पर जोर दिया।

भाजपा के बिहार विधानसभा चुनाव में मात्र दो मुस्लिम को प्रत्याशी बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर अकबर ने कहा कि इससे उनकी पार्टी का आकलन करने के बजाय भाजपा की मंशा को देखा जाए जो समाज के सभी वर्गों का विकास चाहती है।

समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले का निर्णय उच्चतम न्यायालय पर छोड़ दिया जाना चाहिए। (भाषा)