संस्कृत वर्कशॉप करने के बाद वे संस्कृत से इतने प्रभावित हुए कि संस्कृत में भारत की पहली कार्टून फिल्म बनाने की ठान ली। ये हैं वी रवि शंकर जो इन्फोसिस में काम करते हैं।
महाभारत की एक कथा ने रवि का मन मोह लिया जिसका नाम था 'पुण्यकोटि'। ये संस्कृत कार्टून फिल्म पुण्यकोटि एक गाय का नाम है, जो कभी झूठ नहीं बोलती। लेकिन रवि के सामने संस्कृत में कार्टून फिल्म बनाना एक बड़ी चुनौती था, क्योंकि डेढ़ घंटे लम्बी कार्टून फिल्म के लिए कई सारे ड्राफ्ट बनाने होते हैं।
सरलम और ललितम् : कार्टून का स्केच बनाने वाले कलाकार रवि बहुत मेहनत के बाद ही ये बात समझा पाए और एक टीम बन पाई। बैंगलोर के संस्कृत भारती संस्थान 'अक्षरम' ने इनकी इस काम में मदद की।
रवि कहते हैं, 'मेरा लक्ष्य रहा सरलम और ललितम् ताकि लोग आसानी से समझ सकें।'
हिंदी फिल्म सदमा, चीनी कम जैसी फिल्मों के संगीतकार इलियाराजा के साथ डाइरेक्टर रवि जब जुड़ें तो इस बात से उनको काफ़ी भरोसा मिला।
इस फिल्म में अब तक 30 एनीमेटर जुड़ चुके हैं और रवि का मानना है आगे भी कई एनीमेटर जुड़ सकते हैं।
अपने आप से हैरान हुआ : आज भी रवि मानते हैं कि इस कार्टून फिल्म को लेकर वो खुद भी हैरान होते हैं। ये फिल्म अगले साल 2016 में रिलीज होगी।
जब उनसे पूछा गया कि इतना सब वो कैसे कर पाए?
उन्होंने कहा, 'मैंने कुछ प्लान नहीं किया। मैं अखबार नहीं पढ़ता, टीवी नहीं देखता और इस तरह से अपने लिए वक़्त निकाल लेता हूं।'
दो हजार शॉट्स तैयार : कार्टून फिल्म में पहले आवाज रिकॉर्ड होती है बाद में फिल्म बनती है। रवि की फिल्म का स्टोरी बोर्ड और दो हज़ार शॉट्स तैयार हैं जिसमें अब साउंड को फिट किया जाएगा।
नौवीं कक्षा की स्नेहा ने फिल्म में 'पुट्टा' नामक क़िरदार को अपनी आवाज़ दी है और उन्हें ये कहानी काफ़ी पसंद है। रवि हर सीन को बच्चों को दिखातें हैं और उनकी राय लेते हैं।