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Last Modified: बुधवार, 12 अगस्त 2015 (12:12 IST)

गुमशुदा पति, पेंशनधारी पत्नी और 'वो'

गुमशुदा पति, पेंशनधारी पत्नी और 'वो' - rajasthan crpf
- आभा शर्मा (जयपुर से)
राजस्थान पुलिस को तीन साल से लापता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सिपाही दशरथ को खोजने में सफलता मिली है। राजस्थान पुलिस ने उनकी खबर देने पर 25,000 रुपए के इनाम की घोषणा की थी। पर गुमशुदगी से लेकर सोमवार को दशरथ की गिरफ्तारी के बीच की कहानी कुछ फिल्मी सी है।
 
कहानी कुछ फिल्मी है : दशरथ को मृत मानकर सीआरपीएफ की ओर से उनकी पत्नी को 17 लाख रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है। उन्हें हर महीने 12,000 की पेंशन मिल रही है, जबकि दशरथ दरअसल जिंदा हैं और अपनी प्रेमिका के साथ हिमाचल प्रदेश में थे।
 
पुलिस महानिरीक्षक जयपुर रेंज डीसी जैन ने बताया कि झुंझुनू के दोरादास गांव के निवासी दशरथ 1998 से सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर नौकरी कर रहे थे।
 
फरवरी 2012 में वह बिहार के गया जिले स्थित अपनी यूनिट से एक महीने के अवकाश पर आए। लेकिन छुट्टी पूरी होने के बाद ना तो वह अपनी ड्यूटी पर ही गए और ना ही घर वापस लौटे।
 
कोर्ट के आदेश पर पुलिस जांच : दशरथ के भाई पवन कुमार ने झुंझुनू थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। उनके पिता ने तीन लोगों के खिलाफ एक अन्य मामला भी दर्ज करवाया और राजस्थान हाईकोर्ट में हेबीअस कार्पस की याचिका दायर की।
 
जांच में दशरथ के मोबाइल की आखिरी लोकेशन राजस्थान के चुरू जिले की थी। वहां मिले एक मानव कंकाल और दशरथ के मोबाइल लोकेशन की समानता के आधार पर ऐसी सम्भावना हुई कि दशरथ अब जिंदा नहीं हैं। हालांकि उक्त हड्डियों का डीएनए दशरथ के माता-पिता के डीएनए से मिलाया नहीं गया।
 
जांचकर्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश काछवाल ने बीबीसी को बताया कि 'उसके गायब होने के कारणों का अभी ठोस खुलासा नहीं हुआ है और जांच जारी है। काफी समय तक उसके नहीं मिलने के कारण घरवालों ने निराश होकर यह मान लिया कि वो जिंदा नहीं है।'
 
पुलिस के अनुसार दशरथ चित्तौड़गढ़ और जोधपुर में भी चोरी छिपे रहे और आरोप है कि बाद में वो भीलवाड़ा के एक ठेकेदार किशनलाल की पत्नी बक्षी देवी के साथ भगाकर सोलन, हिमाचल प्रदेश में रहने लगे। उन्हें वहीं से पकड़ा गया।