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Last Modified: गुरुवार, 19 अप्रैल 2018 (17:23 IST)

मोदी अपना गुणगान कर बन जाते हैं 'फकीर'

मोदी अपना गुणगान कर बन जाते हैं 'फकीर' - Narendra Modi, Showman, Westminster, Central Hall,
परवेज़ आलम
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कमाल के शोमैन हैं। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में वेस्टमिंस्टर के सेंट्रल हॉल में 'भारत की बात, सबके साथ' कार्यक्रम में दो घंटे बीस मिनट तक उन्होंने कमाल का लेखा-जोखा पेश किया। ऐसा लग रहा था कि पूरा कार्यक्रम स्क्रिप्टेड था। 
 
शो में हर एक चीज, कहां क्या आना है, क्या सवाल होगा, वो क्या जवाब देंगे पहले से तय प्रतीत हो रहा था। कोई भी समझदार इंसान इसका अंदाजा लगा सकता था। शो में उनका इंटरव्यू गीतकार प्रसून जोशी ले रहे थे। उन्होंने भी कमाल की भूमिका निभाई। ऐसे सवाल पूछे कि प्रधानमंत्री मोदी गद्‍गद्‍ हो गए।
 
शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया। उसमें कई बातों का जिक्र किया गया। खासतौर पर उन्होंने पाकिस्तान के बारे में कुछ ऐसी बातें कही जो शायद पहली बार हमें सुनने को मिली थी। उनकी बातों में चुनावी तैयारी की झलक मिल रही थी। उन्होंने कर्नाटक के लिंगायत दार्शनिक बसवन्ना का भी जिक्र किया। वो उनकी मूर्ति के पास भी गए। आने वाले समय में कर्नाटक में चुनाव होने वाले हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैचो मैन की तरह बात करते हैं, जैसे फिल्मों में सलमान खान दबंग तरीके से बात करते हैं। शो के दौरान उन्होंने कई ऐसी बातें कीं जैसे लगा कि उन्होंने क्या कमाल का काम किया है। एक तरफ आलोचक यह कहते हैं कि भारत पाकिस्तान के आगे जितना कमजोर अब हुआ है पहले कभी नहीं हुआ था।
 
देश में आतंकवाद बढ़ा है, कश्मीर में हिंसा भी बढ़ी है। कथित सर्जिकल स्ट्राइक के पहले और बाद में बहुत सारी ऐसी घटनाएं हुईं, लेकिन नरेंद्र मोदी ने अपनी बातों को ऐसे पेश किया जैसे पाकिस्तान ने भारत के आगे घुटने टेक दिए हों।
 
देश में रेप की घटनाओं पर उन्होंने अपना मौन भी तोड़ा, लेकिन कितनी देर बाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटी-छोटी चीजों पर तुरंत ट्वीट करते हैं लेकिन देश को झकझोर कर रख देने वाली रेप की घटनाओं पर कई दिनों तक उन्होंने कुछ नहीं कहा। बड़ी दिलचस्प बात यह है कि नरेंद्र मोदी हर काम को पहली दफा किया गया काम बताते हैं। अरब और इसराइल यात्रा को उन्होंने खूब प्रचारित किया था।
 
वो बातों को बेहतर उतार-चढ़ाव के साथ प्रभावशाली ढंग से कहते हैं। उनका कितना भी बड़ा आलोचक हो, वो उनकी बातों को सुनता जरूर है। इतनी बेबाकी से शायद ही किसी प्रधानमंत्री ने खुद की तारीफ और हर काम को अनोखा बताया होगा। लंदन के शो में सारे सवाल उनकी प्रशंसा में थे।
 
जो लोग सवाल कर रहे थे वो भी पहले से तय प्रतीत हो रहे थे। हर आदमी उनकी बढ़ाई कर रहा था जबकि बाहर उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान उनकी छवि का निर्माण किया गया। बड़े आश्चर्य की बात है कि वो घंटों अपने बारे में बात करते हैं।
 
यह भी चौंकाने वाला है कि वो खुद को थर्ड पर्सन में रखकर बात करते हैं। खुद का नाम सैकड़ों बार लेते हैं। अपनी प्रशंसा में पुल बांधते हैं और अंत में यह कहते हैं कि वो एक मामूली इंसान हैं, चाय वाले हैं और उनके विचार फकीरी हैं। सवाल उठता है कि अगर वो मामूली इंसान हैं तो अपना गुणगान घंटों कैसे करते हैं?
 
जितने उनके समर्थक कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे, उससे कहीं ज्यादा उनके विरोध में भी थे। विरोधियों में महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने रेप की घटनाओं के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किया। हालांकि इस दौरान नरेंद्र मोदी "शेम शेम" के नारे भी लगाए गए।
 
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरिक में पढ़ाने वालीं रश्मि वर्मा ने बीबीसी से कहा कि 'मैं यहां आई हूं क्योंकि नरेंद्र मोदीजी का बतौर प्रधानमंत्री यह दूसरा दौरा है, उनके प्रधानमंत्री रहते औरतों, दलितों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ जो हिंसा हुई है उसका विरोध करने आई हूं।'
 
मोदी के समर्थन में उतरीं एक महिला ने बीबीसी से कहा कि "हम मोदी को सपोर्ट करने आए हैं, वो हमारे देश को आगे लेकर जा रहे हैं। कांग्रेस या कोई और पार्टी ने इतना काम नहीं किया जितना मोदीजी कर रहे हैं और चुपचाप कर रहे हैं। इतने लोग निकले हैं सपोर्ट में, विदेश में हो कर भी, यह अद्भुत है।"
 
देश में हुए रेप जैसी जघन्य घटनाओं पर बोलने के लिए वो लंदन की जमीन चुनते हैं। वो यह भी कहते हैं कि देश में विकास को लेकर जो कुछ भी किया है उन्होंने ही किया है, इससे पहले कुछ नहीं हुआ था। वो विदेशों में देश की छवि बनाने का दावा करते हैं पर सच्चाई यह है कि इस तरह की उनकी बातों से देश की छवि बिगड़ रही है।
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