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Last Modified: मंगलवार, 29 सितम्बर 2015 (11:09 IST)

ब्रिटेन में इस्लाम छोड़ने वालों को 'यातनाएं'

ब्रिटेन में इस्लाम छोड़ने वालों को 'यातनाएं' - Muslim women in UK
- समीरा अहमद 
कई लोगों को लगता है कि हर किसी को ये अधिकार हासिल है कि वो जिस मजहब में पैदा हुआ है उसको छोड़कर किसी दूसरे धर्म को अपनाए का या फिर किसी भी मजहब में न जाए, लेकिन सच है कि इस अधिकार का प्रयोग हर कोई नहीं कर पाता है। पढ़ें विस्तार से....
हालांकि जनगणना में इसका जिक्र नहीं है, लेकिन आंकड़े दिखाते हैं कि इंग्लैंड और वेल्स में 2001 के बाद ऐसे लोगों की संख्या दोगुनी हुई है जो कहते हैं कि वो किसी मजहब को नहीं मानते। इन्हीं दस सालों के दौरान दोनों क्षेत्रों में मुस्लिमों की संख्या में अस्सी फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और वो 27 लाख पहुंच गई है।
 
ब्रिटेन के कुछ शहरी मुसलमानों का मानना है कि इस्लाम को छोड़ना गुनाह है और इसकी सजा मौत भी हो सकती है। इनमें से लगभग आधे ब्रिटेन में पैदा हुए थे और इनकी उम्र 24 साल से कम है।
 
अनुभव : बीबीसी ने अपनी खोज में पाया कि ब्रिटेन के अंदर इस्लाम छोड़ने या छोड़ने का इरादा रखने वाले मुसलमान नौजवानों को धमकियां मिल रही है, उन्हें डराया जा रहा है और उनका समुदाय से बहिष्कार किया जा रहा है।
 
कई मामलों में तो उन्हें गंभीर शारीरिक यातनाओं का भी शिकार होना पड़ रहा है। स्थानीय काउंसिलें भी हैं जिन्हें इस मसले पर कम जानकारी है कि मुसीबत में फंसे इन नौजवानों को कैसे बचाया जाए।
 
धर्मपरिवर्तन को लेकर ब्रिटेन में कोई आधिकारिक आकड़ा मौजूद नहीं है। हां व्यक्तिगत मामलों को लेकर कुछ अध्ययन मौजूद हैं। लेकिन इस्लाम छोड़ चुके ये नौजवान ऑनलाइन अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं।
 
सवाल : लंकाशायर की आयशा (वास्तविक नाम नहीं) सिर्फ 14 साल की थीं जब उन्होंने इस्लाम को लेकर सवाल करने शुरू कर दिए। वो कुरान का अध्ययन कर रही थीं। उन्होंने हिजाब पहनने से मना कर दिया और आखिरकार फैसला लिया कि वो इस्लाम छोड़ रही हैं। उसके बाद तो घर में हालात बुरे हो गए।
 
वो बताती हैं, 'मेरे पिता ने मेरे गले पर चाकू रखकर मारने की धमकी दी और कहा कि अगर मैं ऐसा करके परिवार को शर्मिंदा करती हूं तो वो मुझे मार सकते हैं।' उनके पिता उन्हें बुरी तरह से पीटने लगे। आखिरकार आयशा को पुलिस को बुलाना पड़ा और उनके पिता को बच्चे के साथ क्रूर व्यवहार का दोषी पाया गया।
 
आर्थिक स्वतंत्रता जरूरी : 25 साल की आलिया (वास्तविक नाम नहीं) यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के दौरान इस्लाम छोड़ चुकी थीं। वो मानती हैं कि अब वो अपने घर वापस नहीं लौट सकती हैं। उनके परिवार वालों ने उनकी शादी तय कर रखी थी।
 
आलिया इस्लाम छोड़ चुके लोगों को ऑनलाइन सलाह देती हैं कि अपने मां-बाप को इस बारे में बताने से पहले वो आर्थिक रूप से स्वतंत्र बने ताकि वो आगे आने वाले हालात का सामना कर पाए।