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Last Modified: बुधवार, 13 मई 2015 (13:56 IST)

कपड़े उतारकर नीलाम की जा रही हैं लड़कियां

कपड़े उतारकर नीलाम की जा रही हैं लड़कियां - is_women_naked_sold_in_Iraq
- राकेश भट्ट (बीबीसी मॉनीटरिंग)
 
संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया और इराक के संकटग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों को खुले आम बेचे जाने और उन्हें यौन गुलाम के तौर इस्तेमाल किए जाने पर चिंता जताई है।
 
फाइल फोटो
संकटग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा से जुड़े मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि जैनब बांगुरा ने कहा कि संकट से संबंधित पक्ष यौन हिंसा को रणनीतिक और व्यवस्थित तरीके से अंजाम दे रहे हैं। बांगुरा ने पिछले महीने ही इराक और सीरिया का 15 दिन का दौरा किया है। वहां से लौट कर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि ने कहा, 'महिलाओं और लड़कियों की जिंदगी हर पड़ाव पर जोखिमों से घिरी है।'
 
उन्होंने बताया कि हथियारबंद लोगों के नियंत्रण वाले इलाके हो या फिर सुरक्षा चौकी, सीमा चौकी या फिर हिरासत केंद्र, महिलाएं और लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं कही जा सकती हैं।
 
निर्वस्त्र नीलामी : सीरिया और इराक के एक बडे हिस्से पर इस्लामिक स्टेट का नियंत्रण है, जिसकी बर्बर कार्रवाइयों के वीडियो अक्सर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में रहती हैं। जैनब बांगुरा ने बताया कि चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया में खुले आम बाजारों में कम उम्र की लड़कियों और महिलाओं को निर्वस्त्र कर नीलाम करता है।
उन्होंने कहा, 'इनमें से कुछ लड़कियों को निर्वस्त्र ही गाड़ियों में भर कर रक्का, मोसूल या दूसरे इलाकों में ले जाया जाता है और वहां ले जाकर उन्हें आईएस लड़ाकों और उनके कमांडरों के बीच बांट दिया जाता है।'
 
जैनब बंगूरा ने बताया कि एक महिला की इस तरह 20 बार शादी कराई गई और हर बार उसका ऑपरेशन भी कराया गया ताकि उसे कुंवारी महिला के तौर पर पेश किया जा सके। इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी कई बार बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक शिया, यजीदी और ईसाई समुदाय के लोगों का अपहरण कर चुके हैं जिसमें महिलाएं भी शामिल होती हैं।
 
महिलाएं देने का वादा : बांगुरा ने बताया कि सीरिया और इराक के संकटग्रस्त क्षेत्रों में सेक्स के लिए महिलाओं की खरीद फरोख़्त आम बात है। उनके मुताबिक आईएस की तरफ से लड़ने वाले लोगों को अक्सर महिलाएं देने का वादा किया जाता है और आईएस ने इसे अपनी विचारधारा के एक हिस्सा बना लिया है।
 
उन्होंने बताया कि यौन हिंसा का इस्तेमाल किसी को सजा देने, उसका उत्पीड़न करने और खुफिया उद्देश्यों के लिए जानकारी निकलवाने के लिए भी किया जाता है।
 
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया है कि वो आतंकवाद निरोधी रणनीति में महिलाओं की सुरक्षा और उनका सशक्तिकरण सुनिश्चित करने का पहलू भी शामिल करे। जैनब बांगुरा ने संकटग्रस्त क्षेत्रों में बलात्कार से पैदा होने वाले बच्चों को लेकर भी चिंता जताई।