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Last Modified: सोमवार, 4 जुलाई 2016 (14:44 IST)

इरफ़ान ने पूछा, 'चुप क्यों हैं मुसलमान'

इरफ़ान ने पूछा, 'चुप क्यों हैं मुसलमान' - _irfan_khan_questions_islamophodia
अभिनेता इरफान खान ने बांग्लादेश में हुए चरमपंथी हमले के बाद फेसबुक पर लिखा है कि हादसा एक जगह होता है और बदनाम पूरी दुनिया के मुसलमान होते हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार रात हुए चरमपंथी हमले में 20 नागरिकों की मौत हो गई थी। सुरक्षाबलों के अभियान में छ: चरमपंथी भी मारे गए थे।
इरफ़ान ने फ़ेसबुक पर हमले में घायल सुरक्षाकर्मी की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि बचपन में मज़हब के बारे में कहा गया था कि आपका पड़ोसी भूखा हो तो आपको उसको शामिल किए बिना अकेले खाना नहीं खाना चाहिए। बांग्लादेश की ख़बर सुनकर अंदर अजीब वहशत का सन्नाटा है।
 
क़ुरान की आयतें न जानने की वजह से रमज़ान के महीने में लोगों को क़त्ल कर दिया गया। हादसा एक जगह होता है और बदनाम इस्लाम और पूरी दुनिया का मुसलमान होता है।
 
वो इस्लाम जिसकी बुनियाद ही अमन, रहम और दूसरों का दर्द महसूस करना है। ऐसे में क्या मुसलमान चुप बैठा रहे और मज़हब को बदनाम होने दे? या वो ख़ुद इस्लाम के सही मायने को समझे और दूसरों को बताए कि ज़ुल्म और नरसंहार करना इस्लाम नहीं है।
 
अपनी पोस्ट ख़त्म करते हुए इरफान खान ने लिखा कि ये उनका एक सवाल है। इरफान की पोस्ट पर सैकड़ों लोगों ने टिप्पणी की है। आशू अरूष ने लिखा कि ये सिर्फ़ बात करने का वक़्त नहीं है, ये वक़्त है मुसलमान भाइयों के आगे आकर आतंकियों से लड़ने का। सिर्फ यही तरीक़ा है छवि ठीक करने का।
 
प्रतीक कुमार ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि अच्छे लोगों की चुप्पी से ही अब तक ऐसी आतंकी वारदातें हो रही हैं। धर्म आपका, लोग आपके, इंसानियत आपकी। राहुल दत्ता ने लिखा कि मैंने इस्लाम नहीं पढ़ा, लेकिन आपने जो बोला मेरे लिए यही इस्लाम है, प्यार और देखभाल।
 
शोएब उप्पल ने लिखा कि इस्लाम में किसी का हक़ मारना तक हराम है ऐसे में किसी की जान लेने की सीख इस्लाम कैसे दे सकता है। ये सब इस्लाम के ख़िलाफ खेल खेल रहे हैं, वहीं सैयद आमिर ने लिखा कि "एक आम इंसान ऐसी दहशतगर्दी की सिर्फ़ आलोचना ही कर सकता है और दुआ कर सकता है, इसके अलावा उस बेचारे के हाथ में कुछ नहीं।
 
इरफ़ान ख़ान अपनी हालिया टिप्पणियों को लेकर चर्चित हैं। जयपुर में अपनी फ़िल्म के प्रोमोशन के दौरान इरफ़ान ख़ान ने क़ुर्बानी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि बाज़ार से बकरे ख़रीदकर काटना कुर्बानी नहीं है। उनकी इस टिप्पणी पर विवाद भी हआ था। जिसके बाद उन्होंने एक फ़ेसबुक पोस्ट में कहा था कि मैं धर्म के ठेकेदारों से नहीं डरता हूं।
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