शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. indian_rich_property
Written By
Last Modified: गुरुवार, 30 अप्रैल 2015 (12:29 IST)

कहां पैसा लगा रहे हैं भारत के 'सुपर-रिच'?

कहां पैसा लगा रहे हैं भारत के 'सुपर-रिच'? - indian_rich_property
- विक्रम बारहाट (बीबीसी कैपिटल)
 
 
भारतीय उद्योगपति बी रघुराम शेट्टी ने 2005 में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई के बुर्ज खलीफा की 100वीं मंजिल खरीदी। 828 मीटर ऊंची इस इमारत में 1.22 करोड़ डॉलर की ये खरीददारी भारत के 'सुपर रिच' की आसमान छू रही महत्वाकांक्षा का प्रतीक है।
दुनिया में बड़ी प्रॉपर्टी एजेंसियां के अनुसार भारतीय या फिर भारतीय मूल के ये रईस दुबई समेत संयुक्त अरब अमीरात, लंदन, अमेरिका के कई शहरों, कनाडा के प्राइवेट द्वीपों और कई और महंगी लोकेशन में प्रॉपर्टी बनाने में लगे हुए हैं।
 
कंसलटैंसी फर्म कैपजैमिनाई और आरबीसी वेल्थ मैनेजमेंट के 2014 के अध्ययन के अनुसार यदि निवेश के लिए 3 करोड़ डॉलर से अधिक रकम हाथ में रखने वाले भारतीयों की संख्या देखी जाए, तो भारत दुनिया में 16वें नंबर पर है।
 
वेल्थ इनसाइट के मुताबिक 2014 से 2018 तक भारत के अल्ट्रा रिच या अमीरों में भी अमीर लोगों की संपत्ति 44 फीसदी बढ़ेगी और चार साल में करीब 2000 अरब डॉलर या दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। कंसलटेंसी फर्म नाइट फ्रैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारत के बेहद अमीर लोगों की कुल संपत्ति का 44 फीसदी हिस्सा रियल एस्टेट में लगा हुआ है।
 
कौन हैं ये अल्ट्रा रिच भारतीय? : हममें से कई लोग 1.22 करोड़ डॉलर की रकम शायद पूरी जिंदगी में न देख पाएं, जो 71 साल के बी रघुराम शेट्टी ने एक प्रॉपर्टी की खरीद में खर्च कर दिए। शेट्टी मध्य पूर्व से एक विशाल हेल्थ केयर और फॉरेन एक्सचेंज कारोबार चलाते हैं।
 
शेट्टी ने ईमेल के जरिए बीबीसी कैपिटल को बताया, 'यह एक आयकॉनिक लैंडमार्क है जो अपने आर्किटेकचर और कम्फर्ट के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इसे खरीदना गर्व की बात है। इससे आप पूरे दुबई की स्काईलाइन देख सकते हैं। यह बेहद खूबसूरत है।' दरअसल शेट्टी की गिनती उन भारतीयों में होती है जो आज किसी भी तरह की लग्जरी को खरीदने की क्षमता रखते हैं।
 
भारतीयों की रिच लिस्ट में युवा ऑन्त्रप्रेन्योर, उद्योगपति, औद्योगिक और कारोबारी घराने ज्यादा प्रभावशाली हैं जिनकी संपत्ति शेयर बाजार और रियल एस्टेट की बढ़ती कीमत पर आधारित है।
 
ब्रितानी कंपनी वेल्थ इनसाइट के मुताबिक भारत में 2013 तक दस लाख डॉलर या इससे अधिक संपत्ति वालों की संख्या 1,56,000 थी, जो 2018 तक बढ़कर 3,58,057 हो जाएगी। यह अलग बात है कि आज भी भारत की खासी आबादी गरीबी में जीवन यापन कर रही है।
 
दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) : दुनिया के महंगे शहरों में बड़ी-बड़ी प्रॉपर्टी डील्स पर ध्यान से नजर दौड़ाएं और आप पाएंगे कि कहीं न कहीं भारतीय निवेशक का हाथ है। दुबई लैंड डिपार्टमेंट स्टेटिसटिक्स के मुताबिक बुर्ज खलीफा समेत दुबई में रियल एस्टेट खरीदने वाले विदेशी लोगों में भारतीय सबसे आगे हैं।
 
बुर्ज खलीफा बनाने वाली एम्मार प्रोपर्टीज की मीडिया एजेंसी की एसोसिएट एकाउंट डायरेक्टर निविने विलियम ने कहा, 'हमारे विदेशी निवेशकों में भारतीयों की संख्या खासी ज्यादा है।' दुबई में भारतीय पाम आइलैंड में भी काफी संपत्ति खरीद रहे हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा कृत्रिम आइलैंड है। मेगास्ट्रक्चर डेवलपर नाखिल की मीडिया रिलेशन मैनेजर रेबेका रीस कहती हैं, 'हमारे प्रोजेक्ट्स में भारतीय काफी निवेश कर रहे हैं।'
 
लंदन में खासा निवेश : लंदन के महंगे इलाकों- मेफेयर जैसी लोकेशन्स में प्रॉपर्टी खरीदने वाले विदेशी लोगों में भारतीयों का समूह सबसे बड़ा है। एस्टेट एजेंजीस वीदरैल के मुताबिक कुल निवेशकों में 25 फीसदी भारतीय हैं। ये ब्रिटिश लोगों के बाद वहां प्रॉपर्टी खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा समूह है और एशियाई, अन्य यूरोपीय, रूसी खरीददार भारतीयों से पीछे हैं।
 
2013 में सेंट्रल लंदन में 221 रेजीडेंशियल प्रोपर्टीज में भारतीयों ने 70 करोड़ डॉलर लगाए और इनमें मेफेयर, सेंट जॉन्स वुड, बेलग्राविया और सेंट्रल लंदन के कई अन्य इलाके थे। 
 
वीदरैल के सीईओ पीटर वीदरैल ईमेल के जरिए बताते हैं, 'भारत में गर्मियों के दौरान करीब 3000 अमीर भारतीय परिवार लंदन चले आते हैं अपने ही घरों में रहते हैं। भारतीय खरीददार मेफेयर में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए डेढ़ से दो करोड़ डॉलर खर्च करने के लिए तैयार हो जाते हैं।'
 
मेफेयर के कई होटल भी भारतीयों के हैं। ग्रोवैनर हाउस होटल सुब्रत राय के सहारा इंडिया समूह का है जिन्होंने ये होटल 2010 में 73 करोड़ डॉलर का खरीदा था।
 
अमेरिका में भी पैर पसारे : शिकागो स्थित नेशनल एसोसिएशन ऑफ रियलटेअर्स के मुताबिक अमेरिका में प्रॉपर्टी खरीदने वालों में भारतीय चौथे नंबर पर हैं। वहां कनाडाई, चीनी और मैक्सिको निवासी प्रॉपर्टी खरीदने में भारतीयों से आगे हैं।
 
इसके अलावा भारतीय अरबपति प्राइवेट द्वीप खरीदने की होड़ में भी लगे हुए हैं। अनेक भारतीय कैनाडाई रियल एस्टेट कंपनी प्राइवेट आयलैंड्स से द्वीप और अन्य प्रॉपर्टीज खरीदने के लिए सलाह लेते रहे हैं।