शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. Balochistan
Written By
Last Updated : शनिवार, 15 अक्टूबर 2016 (11:56 IST)

'पाक गुलामी के बाद कोई कुछ न थोपे'

'पाक गुलामी के बाद कोई कुछ न थोपे' - Balochistan
- विनीत खरे (दिल्ली)
 
भारत में बलोचिस्तान की आज़ादी के लिए हिमायत जुटाने आईं बलोच राष्ट्रवादी नेता डॉक्टर नाएला क़ादरी बलोच ने कहा है कि उन्हें भारत से उम्मीद है कि "वो हमें स्वायत्त रहने दे। पाकिस्तान की गुलामी से निकलकर हम पर और कुछ थोपा न जाए। हमें यकीन है कि ऐसा नहीं होगा।"
बलोच राष्ट्रवादी नेता पाकिस्तान पर बलोचिस्तान में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हैं लेकिन पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है। पाकिस्तान भारत पर आरोप लगाता रहा है कि उसकी जासूसी एजेंसी रॉ बलोचिस्तान में अलगाववादियों को हथियार मुहैया करवाती है और इसके लिए अफ़गानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किया जाता है। भारत और अफ़गानिस्तान इन आरोपों से इनकार करते हैं।
 
डॉक्टर बलोच कनाडा में रहती हैं और वो एक महीने के दौरे पर भारत आईं हैं। वो दिल्ली के अलावा कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों के दौरे पर भी जाएंगी। बीबीसी हिंदी के फ़ेसबुक लाइव में उन्होंने कहा कि उनके दौरे का मक़सद "आज़ाद बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार" के लिए ज़मीन तैयार करना है। 
 
उन्होंने कहा, "हम आग्रह कर रहे हैं कि हमें भारत में जगह दी जाए, साज़ो सामान की मदद दी जाए। लोगों का समर्थन हमारे साथ है।"

डॉक्टर क़ादरी ने कहा, "अगर हमें भारत सरकार की अनुमति मिलती है तो हम दुनिया भर के बलोच लोगों से जुड़ने की प्रक्रिया विकसित करेंगे। दुनिया भर में चार करोड़ बलोच बिखरे हुए हैं।" बलोच लोग पाकिस्तान, ईरान, सेंट्रल एशिया, अफ्रीका और अरब देशों में रहते हैं।
 
डॉक्टर क़ादरी ने कहा कि उनका मक़सद सभी बलोचियों को एक साथ लाना हैं। उन्होंने कहा, "हमारा मक़सद है कि सारे काउंसिलर आएं तो फिर उनका सेशन हो कि स्वतंत्र बलोचिस्चान का संविधान क्या होगा, लोगों के पास क्या अधिकार होंगे, किस तरह हम अपने लोकतंत्र को आगे बढ़ा सकते हैं।"
 
उन्होंने कहा कि उन्हें भारत से अभी तक नैतिक समर्थन मिला है लेकिन "हम किसी व्यक्ति की फंडिंग के खिलाफ़ हैं लेकिन निर्वासित सरकार की अगर फंडिंग की जाए, भारत या किसी और की तरफ़ से, वो नैतिक रूप से सही होगी।"
 
डॉक्टर क़ादरी ने बलोच रिपब्लिकन पार्टी नेता ब्रह्मबाग़ बुग्टी के एक विवादास्पद ट्वीट पर भी प्रतिक्रिया दी। बुग्टी ने अपने ट्वीट में कहा था, "निर्वासित सरकार राष्ट्रीय मुद्दा और राष्ट्रीय सर्वसम्मति के बिना राष्ट्रीय मुद्दों की घोषणा नहीं की जा सकती। नाएला क़ादरी बलोच लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं, समर्थन करने के बजाए वो अपने उन्मादी कदमों से इसे नुक़सान पहुंचा रही हैं।"
 
अपनी प्रतिक्रिया में डॉक्टर क़ादरी ने कहा, "बलोचिस्तान की स्थिति को देखते हुए ये वो वक्त नहीं है कि हम अपने मतभेद मीडिया में लाएं…। उम्मीद करते हैं कि सभी बलोच नेता इसे गंभीरता से लेंगे। आज़ादी के लिए सभी को एक पेज पर आना होगा।"
 
उन्होंने कहा कि बलोच अलगाववादी नहीं हैं "क्योंकि हम कभी किसी का हिस्सा ही नहीं थे।"
 
उन्होंने आज़ादी के लिए हथियारबंद लड़ाई की हिमायत की। अरबों डॉलर की कीमत से बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडॉर पर उन्होंने कहा, अगर विकास बलोचियों को खत्म करने के लिए किया जा रहा है तो वो विकास नहीं है। और जो विकास बलोच के लिए नहीं है, वो बलोच को मंज़ूर नहीं है। जब हम आपको नहीं चाहते तो आप हमारी ज़मीन पर कैसे आएंगे?"
ये भी पढ़ें
'सेक्स के लिए बहुत कम जगह की ज़रूरत'