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Written By WD

दीपावली के अद्‍भुत टोने-टोटके

नरक चतुर्दशी पर आजमाएं टोटके

Tantra-Mantra Hindi, | दीपावली के अद्‍भुत टोने-टोटके
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बदलते समय के साथ-साथ दीपावली पर होने वाले टोने-टोटके और ‍तांत्रिक गतिविधियों में अब कई तरह के बदलाव आ गए हैं। माना जाता है‍ कि दीपावली के पांच दिनों में खास करके धनतेरस, रूप चौदस और दीपावली के दिन कई तांत्रिक अनेक प्रकार की तंत्र साधनाएं करते हैं। वे कई प्रकार के तंत्र-मंत्र अपना कर शत्रुओं पर विजय पाने, गृह शांति बढ़ाने, लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने तथा जीवन में आ रही कई तरह की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए विचित्र टोने-टोटके अपनाते है।

* नरक चतुर्दशी को काली चौदस भी माना जाता है। इस रात कई तांत्रिक काली रात को चिरागों की रोशनी तले रोशन करके कई सफल तंत्र साधनाएं करने में कामयाब होते है। घरेलू मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन के साथ नरक शब्द के जुड़ने से वह स्वच्छता का प्रतीक बन गया है, क्योंकि उस दिन घर के कूड़ा-कचरा, गंदगी का नरक साफ किया जाता है।

* घर में मां, दादी जो कोई बड़ी होती हैं वे रात्रि के अंतिम प्रहर में देवी लक्ष्मी का आह्वान करती हैं और दरिद्रा को बाहर करती हैं। इसके लिए कहीं-कहीं सूप को सरकंडे से पीटा जाता है तो कहीं पुराने छाज में कूड़े आदि भर कर घर से बाहर कहीं फेंका जाता है।

* कुबेर के संबंध में लोकमानस में एक जनश्रुति प्रचलित है। कहा जाता है कि पूर्वजन्म में कुबेर चोर थे- चोर भी ऐसे कि देव मंदिरों में चोरी करने से भी बाज न आते थे। एक बार चोरी करने के लिए एक शिव मंदिर में घुसे। तब मंदिरों में बहुत माल-खजाना रहता था। उसे ढूंढने-पाने के लिए कुबेर ने दीपक जलाया लेकिन हवा के झोंके से दीपक बुझ गया।

कुबेर ने फिर दीपक जलाया, फिर वह बुझ गया। जब यह क्रम कई बार चला, तो भोले-भाले और औघड़दानी शंकर ने इसे अपनी दीपाराधना समझ लिया और प्रसन्न होकर अगले जन्म में कुबेरको धनपति होने का आशीष दे डाला।

* देवी लक्ष्मी इस रात अपनी बहन दरिद्रा के साथ भू-लोक की सैर पर आती हैं। जिस घर में साफ-सफाई और स्वच्छता रहती है, वहां मां लक्ष्मी अपने कदम रखती हैं और जिस घर में ऐसा नहीं होता वहां दरिद्रा अपना डेरा जमा लेती है।

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* ऐसा माना जाता है माता लक्ष्मी के वाहन उल्लू को दीपावली की रात‍ पान खिलाने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर आपको संपूर्ण सुखों का आशीर्वाद देती है।

* सिर्फ इतना ही नहीं चोर-डाकुओं के लिए भी दीपावली के दिन बहुत मायने रखता है। खास तौर पर यह लोग चौदस और दीपावली की रात को कई तांत्रिक नुस्‍खे अपनाते हुए अपने चोरी के औजारों को पहले सिद्ध करते है, फिर उनका विधिवत पूजन करके कई तांत्रिकों से चोरी-डकैती का मुहूर्त निकालते हैं और फिर उसी के अनुसार अपनी चोरी और डकैती की वारदात को अंजाम देते है। माना जाता है कि दीपावली की रात सिद्ध मंत्रों का प्रयोग मुहूर्तानुसार करके उनका चोरी-डकैती करने पर इन साल भर यह काम अच्छा चलता है और वे अगली दीपावली तक काफी धन इकट्‍ठा करने में कामयाब हो जाते है।

कई लोग दीपावली पर लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्र का जाप करते हैं :-

ऊं पहिनी पक्षनेत्री पक्षमना लक्ष्मी दाहिनी वाच्छा
भूत-प्रेत सर्वशत्रु हारिणी दर्जन मोहिनी रिद्धि सिद्धि कुरु-कुरु-स्वाहा

इस मंत्र को 108 बार पढ़कर गुगल गोरोचन छाल-छबीला कपूर काचरी, चंदन चूरा आदि सामग्री मिलाकर लक्ष्मी को प्रसन्न करने का टोटका आजमाते है।

अगर दीपावली पर यह टोटके सिद्ध नहीं हो पाए तो फिर अष्टमी या शनिवार को लाल फल के साथ इन मंत्रों का पुन: जाप किया जाता है।