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जानिए, आपके जन्म नक्षत्र का पेड़ कौन सा है...

जानिए, आपके जन्म नक्षत्र का पेड़ कौन सा है... - Which Is Your Tree According To Nakshatra
मनीषियों ने आसमान में चंद्रमा के यात्रा पथ को 27 भागों में विभाजित किया है। हर सत्ताईसवें भाग में पड़ने वाले 'तारामंडल' के बीच कुछ विशिष्ट तारों की पहचान कर उन्हें नक्षत्रों की संज्ञा दी है। इस प्रकार नवग्रह तथा 27 नक्षत्रों की पहचान की है।
 
किसी व्यक्ति के जन्म के समय, चंद्रमा धरती से जिस नक्षत्र की सीध में रहता है, वह उस व्यक्ति का जन्म-नक्षत्र कहलाता है। इस प्रकार अपने जन्म-नक्षत्र जानकर उस वृक्ष को पहचानिए जिसका सेवन आपके लिए वर्जित है। अत: जन्म-नक्षत्र से संबंधित वृक्ष का सेवन नहीं, सेवा करनी चाहिए।
 
हो सके तो अपने जन्म-नक्षत्र के पौधे घर में लगाकर उसे सींचे। ऐसा करना आपके हित में होगा। इससे आप निरोगी, स्वस्थ और संपन्न रहेंगे, साथ ही दीर्घायु भी। तो प्रस्तुत है जन्म-नक्षत्र से संबंधित वे वृक्ष और वृक्ष-फल जिनका खाना नहीं, सींचना लाभकारी है।
 
अश्विनी नक्षत्र- कुचला, भरिणी- आंवला, कृतिका- गूलर, रोहिणी- जामुन, मृगशीर- खेर, आर्द्रा- कृष्णगरू, पुनर्वसु- बांस, पुष्य नक्षत्र- पीपल, अश्लेषा- नागकेसर, मघा- बड़, पूर्वा फाल्गुनी- ढाक, उत्तरा फाल्गुनी- पाखर, हस्त नक्षत्र- पाढ़, चित्रा- बेल, स्वाति- अर्जुन, विशाखा- राम बबूल, अनुराधा- पुन्नंग वृक्ष, ज्येष्ठा- लोध, मूल- साल, पूर्वाषाढ़ा- जलवेत, उत्तराषाढ़ा- पनस, श्रवण- आक, गूलर, सत्यानाशी, धनिष्ठा- शम, शतभिषा- कदम्ब, पूर्वा भाद्रप्रदा- आम, उत्तरा भाद्रप्रदा- नीम एवं रेवती- महुआ। 
 
आप अपने जन्म-नक्षत्री वृक्ष का सेवन नहीं करें, सींचकर देखिए।
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