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अमावस्या का उपवास करता है पितरों को तृप्त और प्रसन्न, जानिए 8 खास बातें

अमावस्या का उपवास करता है पितरों को तृप्त और प्रसन्न, जानिए 8 काम की बातें। 2018 Amavasya Vrat - 2018 Amavasya Vrat
हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है अमावस्या, इन जातकों को अवश्य करना चाहिए अमावस्या का उपवास...
 
1 . प्राचीन शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं, अत: पितरों की तृप्ति के लिए इस तिथि का अत्यधिक महत्व है। 
 
2. हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है।
 
3. अमावस्या का दिन पितरों की स्मृति करने और श्रद्धा भाव से उनका श्राद्ध करने के लिए अत्यंत शुभ होता है। 
 
4. इस दिन बहुत से जातक अपने पितरों की शांति के लिए हवन, ब्रह्मभोज आदि कराते हैं और साथ ही दान-दक्षिणा भी देते हैं।

 
आइए जानते हैं कि अमावस्या के दिन किस प्रकार से पितरों को प्रसन्न करना चाहिए। 
 
5. जिन व्यक्तियों की कुण्डली में पितृ दोष हो, संतानहीन योग बन रहा हो या फिर नवम भाव में राहु नीच के होकर स्थित हो, उन व्यक्तियों को अमावस्या पर उपवास अवश्य रखना चाहिए। 
 
6. अमावस्या उपवास को करने से मनोवांछित उद्देश्य़ की प्राप्ति होती है। 
 
7 . विष्णु पुराण के अनुसार श्रद्धा भाव से अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण ही तृप्त नहीं होते, अपितु ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अश्विनी कुमार, सूर्य, अग्नि, अष्टवसु, वायु, विश्वदेव, ऋषि, मनुष्य, पशु-पक्षी और सरीसृप आदि समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं।
 
8. शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है कि देवों से पहले पितरों को प्रसन्न करना चाहिए, तभी किसी भी पूजन का वांछित फल प्राप्त होता है।