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वर्ष 2019 में मेष राशि को कितना होगा लाभ, कितनी होगी हानि, जानिए विस्तार से

वर्ष 2019 में मेष राशि को कितना होगा लाभ, कितनी होगी हानि, जानिए विस्तार से - year 2019 and astrology
1. मेष राशि 
 
जिन जातकों के जन्मसमय चंद्रमा मेष राशि में स्थित होता है उनकी मेष राशि होती है। मेष राशि का स्वामी मंगल है। 2019 के वर्षारंभ में मंगल मीन राशि में द्वादश होकर स्थित है। राशि अधिपति का हानि स्थान में स्थित होना मेष राशि वाले जातकों के लिए प्रतिकूल परिस्थ्तियों का निर्माण करेगा। इस वर्ष उन्हें सफ़लता प्राप्ति के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ेगा। इस वर्ष उन्हें अपने परिश्रम की अपेक्षा सफ़लता प्राप्त नहीं होगी। वर्ष 2019 मेष राशि वाले जातकों के लिए मिश्रित फ़लदायी रहेगा।
 
आर्थिक क्षेत्र- इस वर्ष मेष राशि वाले जातक आर्थिक रूप से लाभ प्राप्त करेंगे। उन्हें धनलाभ होगा। इस वर्ष वे धनसंचय करने में भी सफ़ल रहेंगे। इस वर्ष मेष राशि वाले भोग-विलास व फ़ैशन की वस्तुओं पर अधिक धन व्यय करेंगे। 
 
आजीविका- इस वर्ष मेष राशि वाले जातकों को कर्मक्षेत्र में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस वर्ष नौकरीपेशा लोगों के स्थानांतरण के योग बनेंगे। निजी कंपनियों में नौकरी करने वालों को अपनी नौकरी में परिवर्तन करना पड़ेगा। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के लिए वर्ष 2019 कठिन परिश्रम व चुनौती भरा रहेगा। उन्हें व्यापार में अपेक्षा से कम लाभ होने की संभावाना है।
 
स्वास्थ्य- इस वर्ष मेष राशि वालों का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। छोटी-मोटी शारीरिक परेशानियों को छोड़कर वे वर्षभर स्वस्थ रहेंगे। मेष राशि के जातकों को इस वर्ष अपच व पेट सम्बन्धी रोगों की अनदेखी नहीं करना चाहिए।
 
दांपत्य- इस वर्ष मेष राशि के जातकों का दांपत्य जीवन उत्तम रहेगा। उन्हें अपने जीवनसाथी का पर्याप्त सहयोग व प्रेम मिलेगा। जीवनसाथी के साथ पर्यटन के अवसर प्राप्त होंगे। उत्तम शैय्या सुख प्राप्त होगा। अविवाहित युवक-युवतियों का विवाह होगा। प्रेम संबंध  सफ़ल होंगे।
 
भूमि-भवन-वाहन : इस वर्ष मेष राशि के जातकों को वाहन दुर्घटनाओं से सावधान रहने की आवश्यकता है। यदि भूमि-भवन क्रय करने का विचार कर रहे हैं तो इस प्रकार के सौदे में जोखिम लेने से बचना हितकर रहेगा।
 
वार्षिक लाभ-हानि अनुपात: लाभ-02  हानि-08
 
(विशेष- उपर्युक्त फ़लित चंद्र राशि एवं ग्रहगोचर पर आधारित है। जन्मपत्रिका की ग्रहस्थितियों एवं विंशोत्तरी दशाओं के अनुसार इसमें परिवर्तन संभव है।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र 
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