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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 30 मई 2014 (19:14 IST)

स्कूली विद्यार्थी कर रहे हैं सामाजिक कार्य

स्कूली विद्यार्थी कर रहे हैं सामाजिक कार्य -
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नई दिल्ली। लगातार बढ़ती संख्या में विद्यार्थी अपना खाली समय पढ़ाई-लिखाई के अलावा सामाजिक कार्यों में लगा रहे हैं और वंचित वर्गों की मदद में अपना हाथ बंटा रहे हैं।

कोलकाता की कक्षा 11वीं की अनुष्का मंडल ने कहा कि आप अच्छा काम इसलिए मत कीजिए कि आपको अपनी जिंदगी में ही उसका नतीजा चाहिए। उसे इसलिए कीजिए ताकि दूसरों को प्रेरणा मिले। यह सागर में महज एक बूंद की भांति है लेकिन उसके बाद भी इससे फर्क पड़ता है।

अनुष्का ने कहा कि उसने 2012 में उन 500 लोगों को कंबल देकर उनकी मदद की, जो सड़कों पर रह रहे थे। उसने दावा किया कि उसने कंबल खरीदने के लिए मित्रों और परिवार से 55,000 रुपए जुटाए।

उसने कहा कि सर्दी में लोगों के मरने की बात सामने आई। मैं वाकई उनके लिए कुछ करना चाहती थी। मेरी मां, जो अपने स्कूली दिनों से ही सामाजिक कार्यों में लगी थीं, ने मुझसे कुछ महत्वपूर्ण कंपनियों एवं कुछ दोस्तों के पास जाने और उनसे दान मांगने के लिए कहा।

अनुष्का ने कहा कि 27 दिसंबर को मैंने कुछ लोगों को अपने साथ आने को कहा। हम शहर में अलग-अलग दिशाओं में गए और गरीबों को कंबल ओढ़ाया, जो सड़कों पर सो रहे थे। इससे अच्छा लगा।

अनुष्का उन कुछ स्कूली विद्यार्थियों में से एक है, जो हाल ही में 'प्रेमेरिका स्पिरिट ऑफ कम्युनिटी अवॉर्ड' समारोह में देश का प्रतिनिधित्व करने वॉशिंगटन गई थीं।

इसी तरह गुड़गांव की कक्षा 12वीं की मेनका भी सामाजिक कार्य में लगी है। वह अपने घर के आसपास झुग्गियों में अंग्रेजी पढ़ाती थी। उसने जल संरक्षण पर एक पुस्तक भी लिखी है। आकाश पवार बाल विवाह और बालश्रम के खिलाफ मुहिम चला रहा है। (भाषा)