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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 8 जनवरी 2010 (22:21 IST)

आतंक से मुक्त माहौल में ही बातचीत-कृष्णा

India Pakistan relation | आतंक से मुक्त माहौल में ही बातचीत-कृष्णा
मुंबई हमलों के बाद पड़ोसी देश के साथ थमी समग्र वार्ता प्रक्रिया के संदर्भ में भारत ने शुक्रवार को एक बार फिर साफ कर दिया कि वह पाकिस्तान के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के जरिये शांति स्थापित करने के पक्ष में है, लेकिन कोई भी वार्ता आतंकवाद से मुक्त माहौल में ही सार्थक हो सकती है।

विदेशमंत्री एसएम कृष्णा ने आज जब आठवें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भारत की विदेश नीति को रेखांकित किया तो उसमें पाकिस्तान का भी जिक्र किया।

पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के जरिये शांति स्थापित करने के पक्ष में हैं, लेकिन सार्थक बातचीत तभी संभव है, जब वह आतंक से मुक्त माहौल में हो।

उन्होंने कहा कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमलों के बाद भारत के सौंपे सबूतों पर पाकिस्तान ने कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन हमें अब भी यह देखना है कि पाकिस्तान घुसपैठ रोकने या आतंकवादी ढाँचा नेस्तनाबूद करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।

कृष्णा ने प्रधानमंत्री की बात दोहराते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवादी ढाँचे को खत्म करने की प्रतिबद्धता या राजनीतिक कौशल दिखाए तो भारत आधे से अधिक रास्ता तय करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि पहले भारतीयों के प्रवासियों के रूप में पलायन को ‘ब्रेन ड्रेन’ कहा जाता था, लेकिन अब ये प्रवासी ‘ब्रेन बैंक’ बन गए हैं।

कृष्णा ने कहा कि सरकार का प्रवासी भारतीय मामलों के ‍लिए पृथक मंत्रालय, प्रधानमंत्री की वैश्विक सलाहकार परिषद और विदेशों में प्रवासी सुविधा केन्द्र की स्थापना करना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि देश प्रवासी भारतीयों को कितना महत्व देता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रवासियों को तीन श्रेणियों में देखती है। पहला, दुनिया भर में बसे भारतीय मूल के लोग। दूसरा, बतौर पेशेवर कार्यरत प्रवासी भारतीय और तीसरा, खाड़ी के देश में कार्यरत कामकाजी। (भाषा)