Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 1 जनवरी 2011 (23:13 IST)
विनायक सेन के समर्थकों की आलोचना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सामाजिक कार्यकर्ता विनायक सेन को माओवादियों के साथ उनके संबंधों के लिए सजा सुनाए जाने के चलते उनके समर्थकों द्वारा ‘अजीब तरह से जताई गई नाराजगी’ की आज आलोचना की और दिसंबर में आए अदालती फैसले पर सवाल उठाने के कृत्यों को ‘आश्चर्यजनक’ करार दिया।
संघ के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ के जनवरी के अंक में आए संपादकीय में कहा गया कि ये लोग किसलिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। क्या ये लोग चाहते हैं कि हम ये मानें कि विनायक सेन चूँकि विनायक सेन हैं, इसलिए वे कानून से ऊपर हैं। और किसी भी अदालत, किसी भी प्राधिकार को उन पर अभियोजन चलाने का अधिकार नहीं है, फिर भले ही उनकी माओवादियों के साथ कितनी भी आपराधिक मिलीभगत हो।
सेन के समर्थन में माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कुछ दिन पहले अदालती फैसले को ‘बुरा निर्णय और देशद्रोह के आरोप का दुरुपयोग’ करार दिया था।
लेखिका अरुधंति रॉय, अभिनेत्री अपर्णा सेन, राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य अरुणा रॉय और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भी सेन की रिहाई की माँग की है।
सेन के समर्थकों की आलोचना करते हुए संघ ने कहा कि उनके मित्र न्यायाधीश और न्यायपालिका पर खुलेआम सवाल खड़े कर रहे हैं और न्यायाधीश पर भेदभाव करने और राजनीतिक झुकाव रखने का आरोप लगा रहे हैं। (भाषा)