कैसे आई जेब्रा के शरीर पर काली पट्टियां!
जेब्रा के काली पट्टियों की कहानी
जेब्रा के शरीर पर हमेशा से काली धारियां नहीं थीं। वह धुले रंग वाला था। दिखने में वह जरूर घोड़े से छोटा था, पर सफेदी में घोड़े को भी मात करता था। एक जेब्रा ने गलती की और फिर सभी के शरीर पर काली पट्टियां आ गईं। आओ जानें जेब्रा के काली पट्टियों की कहानी :- बहुत पहले किसी गांव के पास के जंगल में एक जेब्रा रहता था। वह जंगल में मस्ती से रहता और इधर-उधर घूमता। गांव में उस समय लोग घोड़े पालते थे। उस समय तक जेब्रा की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया था। यह वह समय था जब जेब्रा का उजला शरीर धूप में खूब चमकता था। जंगल के सारे जानवरों में वह अपने सफेद कोट के लिए जाना जाता था।जंगल में एक ज्रेबा जब भी गांव घूमने जाने की अपनी इच्छा जाहिर करता था तब दूसरे जानवर उसे गांव की तरफ जाने से मना करते थे। जंगल के जानवरों की सलाह ठीक थी क्योंकि आकर्षक और ताकतवर जेब्रा को देखने के बाद गांव वाले उसे पकड़ सकते थे। जेब्रा को यह बात कुछ जंचती नहीं थी।
एक बार उसने सोचा क्यों न गांव में घूमकर देखा जाए। दिन में तो गांव में भीड़ काफी रहती थी, इसीलिए उसने सुबह जल्दी ही गांव का चक्कर लगाकर वापस अपने जंगल आने का मन बनाया। झुटपुटे में जेब्रा जंगल से निकला और गांव में दाखिल हो गया। उसे गांव की गलियां और वहां का बाजार देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने सोचा कि गांव कितना अच्छा है। यहां कितनी शांति है। जेब्रा को घूमते-घूमते समय का ध्यान नहीं रहा और सुबह हो गई। थोड़ी ही देर में शांति चहल-पहल में बदल गई। लोगों ने जब जेब्रा को देखा तो सोचा यह तो बड़ा ही आकर्षक जानवर है, क्यों न इसे पकड़ा जाए। जेब्रा के सफेद कोट ने उन्हें भी प्रभावित किया था। लोग जेब्रा को पकड़ने के लिए उसके पीछे जाल लेकर दौड़े। जेब्रा भागा। उसे अपने से बड़ों की दी सीख याद आई कि गांव की तरफ मत जाना वरना गांव वाले तुम्हें पकड़ लेंगे। जेब्रा घबराया। अब आगे-आगे जेब्रा और पीछे-पीछे गांव वाले भाग रहे थे। तभी जेब्रा को एक विचार आया। उसने देखा गांव में एक जगह काले पेंट का डिब्बा रखा था।
जेब्रा ने सोचा कि अगर वह इस पेंट से अपने शरीर पर काली पट्टियां बना ले, तो शायद गांव वाले उसे पहचान नहीं पाएंगे। गांव वालों ने जब जेब्रा को पकड़ लिया तो देखा कि अब उसके शरीर पर काली पट्टियां है और वह उतना सुंदर नहीं लग रहा है जैस कुछ देर पहले लग रहा था। लोगों ने उसे जाने दिया। जेब्रा जान बचाकर निकल आया। जंगल में आने के बाद जब जेब्रा ने अपने साथ हुआ यह वाकया सभी को बताया- तो सभी ने सोचा कि इस तरह का पेंट कर लेने से मुसीबत से बचा जा सकता है। तो सभी ने अपने सफेद कोट पर काली पट्टियां बना ली। अगली पीढ़ी में इस तरह की पट्टियों को बनाने की जरूरत नहीं रही, वे पैदा होते ही शरीर पर बनी रहती। बस तबसे जेब्रा के शरीर पर काली पट्टियां देखने को आ रही हैं। किसी की बात न मानने का यही नतीजा होता है। अगर जेब्रा जंगल के दूसरे साथियों की बात मान लेता तो आज उसका सफेद कोट उसके साथ ही रहता और वह जंगल का सबसे आकर्षक जानवर होता।