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Written By भाषा
Last Modified: स्टॉकहोम , सोमवार, 7 दिसंबर 2009 (13:04 IST)

विज्ञान के क्षेत्र में भी लैंगिक असंतुलन

विज्ञान के क्षेत्र में भी लैंगिक असंतुलन -
इस साल चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से नवाजी गईं दो महिला वैज्ञानिकों ने वैज्ञानिक संस्थाओं से अपील की है कि वे अपने करियर ढाँचे में इस तरह के बदलाव लाएँ, ताकि महिलाएँ भी शीर्ष पदों तक पहुँच सकें।

अमेरिकी वैज्ञानिक एलिजाबेथ एच. ब्लैकबर्न और कैरोल डब्लू ग्रीडर ने कल कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में जितने पुरुष कदम रखते हैं, कमोबेश उतनी ही महिलाएँ भी आती हैं लेकिन माँ बनने के बाद लचीलेपन में कमी के कारण वे अपने आप को इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ा पातीं।

स्टॉकहोम में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन से इतर एसोसिएटेड प्रेस से बातचीत में ब्लैकबर्न ने कहा कि इस क्षेत्र का करियर ढाँचा ऐसा है, जो पुरुषों के लिए ही मुफीद है।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ज्यादातर महिलाएँ अपने परिवार के बारे में सोचती हैं और करियर ढाँचे को देखकर काफी डर जाती हैं।

दोनों नोबेल पुरस्कार विजेताओं के बयान ऐसे वक्त में आए हैं, जब नोबेल पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित होने में सिर्फ एक हफ्ते का वक्त रह गया है। ब्लैकबर्न और ग्रीडर 14 लाख अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि अपने देश के ही नागरिक जैक डब्लू जोस्ताक के साथ साझा करेंगी।

इन वैज्ञानिकों को इस खोज के लिए चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया कि कोशिका विभाजक के तौर पर क्रोमोजोम अपना बचाव किस तरह करता है। (भाषा)