गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. आरती/चालीसा
  4. भगवान चित्रगुप्त की आरती
Written By
Last Modified: सोमवार, 13 अक्टूबर 2014 (11:39 IST)

भगवान चित्रगुप्त की आरती

भगवान चित्रगुप्त की आरती - भगवान चित्रगुप्त की आरती
श्री विरंचि कुलभूषण, यमपुर के धामी।
पुण्य पाप के लेखक, चित्रगुप्त स्वामी॥
 

 
सीस मुकुट, कानों में कुण्डल अति सोहे।
श्यामवर्ण शशि सा मुख, सबके मन मोहे॥
 
भाल तिलक से भूषित, लोचन सुविशाला।
शंख सरीखी गरदन, गले में मणिमाला॥
 
अर्ध शरीर जनेऊ, लंबी भुजा छाजै।
कमल दवात हाथ में, पादुक परा भ्राजे॥
 
नृप सौदास अनर्थी, था अति बलवाला।
आपकी कृपा द्वारा, सुरपुर पग धारा॥
 
भक्ति भाव से यह आरती जो कोई गावे।
मनवांछित फल पाकर सद्गति पावे॥