बरसते मौसम में बचिए मच्छरों से
बारिश जहां माहौल को खुशनुमा बनाती है वहीं कई बीमारियों को दावत भी देती है। यही वक्त होता है जब मच्छर का प्रकोप बढ़ता है और लोग मलेरिया के शिकार हो जाते हैं। यदि मच्छरजनित इस बीमारी से बचना हो तो सावधानी और घरू उपाय करें। मसलन इन्हें घर के आसपास पनपने न दें। इसके लिए कुछ बातों पर जरूर गौर करें। घर के चारों ओर पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें। अगर पानी जमा होने से रोकना संभव नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें। रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाए और फिर भरें। घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उल्टा करके रखें। डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। अगर मुमकिन हो तो खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें। मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। गुग्गल के धुएं से मच्छर भगाना अच्छा देसी उपाय है।
घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छर-नाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें। यह दवाई फोटो-फ्रेम्स, पर्दों, केलेंडरों आदि के पीछे और घर के स्टोर रूम और सभी कोनों में जरूर छिड़कें।
दवाई छिड़कते समय अपने मुंह और नाक पर कोई कपड़ा जरूर बांधें। साथ ही , खाने-पीने की सभी चीजों को ढककर रखें। पीने के पानी में क्लोरीन की गोली मिलाएं और पानी को उबालकर पीएं। 5
साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं सावधानी से रहें।ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढका रहे। खासकर बच्चों के लिए यह सावधानी बहुत जरूरी है। रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं।