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Written By भाषा
Last Modified: मुंबई , बुधवार, 20 जुलाई 2011 (12:05 IST)

'कन्या भ्रूण हत्या' नहीं होने देंगी सुप्रिया

''कन्या भ्रूण हत्या'' नहीं होने देंगी सुप्रिया -
महाराष्ट्र में घटते लिंगानुपात से चिंतित राकांपा सांसद सुप्रिया सुले बेटी बचाने के अभियान में जुट गई हैं। सुप्रिया चाहती हैं कि सरकार कन्या भ्रूण हत्या में शामिल लोगों के लिए सजा की मात्रा में इजाफा करे।

सुप्रिया ने कहा कि हर घर में कन्या भ्रूण हत्या के मुद्दे पर बात होनी चाहिए। लोगों को इस बात का अहसास होना चाहिए कि अपने बच्चे को मारना एक कलंक है।

राकांपा प्रमुख शरद पवार की पुत्री सुप्रिया ने कहा कि हम सरकार से कहेंगे कि वह इस अपराध में शामिल लोगों के लिए सजा में इजाफा करे। केवल सजा बढ़ाने से भी काम नहीं चलेगा, इस समस्या को दूर करने के लिए फौरन कार्रवाई भी बहुत जरूरी है।

2011 के जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक दशक में ग्रामीण महाराष्ट्र में प्रति 1,000 लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या घटकर 880 रह गई है, जबकि शहरी महाराष्ट्र में यह संख्या प्रति 1,000 लड़कों पर 888 है।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा मुझसे और भी ज्यादा जुड़ा है क्योंकि मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान हूं। मेरे माता-पिता ने उस समय परिवार नियोजन के बारे में सोचा, जब कोई इस बारे में बात भी नहीं करता था। मेरा लालन-पालन बहुत अच्छे से हुआ। मुझे लगता है कि मेरे पिता इस कार्यक्रम के लिए आदर्श हैं।

सुप्रिया ने घोषणा की कि वह बेटी बचाने के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए 25 से 28 अगस्त के बीच पदयात्रा पर जाएंगी। यह पूछने पर कि क्या आपने इस अभियान से जुड़ने के लिए दूसरी पार्टियों से भी कहा है, उन्होंने कहा कि मैंने हर विधायक और सांसद को पत्र लिखकर उनसे पदयात्रा में शामिल होने और इस अभियान में जुड़ने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि भारत के सबसे विकसित प्रदेशों में से एक होने के बावजूद महाराष्ट्र में इस प्रकार के काम हो रहे हैं। आज के युवा कल के अभिभावक हैं। उन्हें यह कहने दीजिए कि वे स्वास्थ्य कारणों के चलते सोनोग्राफी का विकल्प चुनेंगे, न कि बच्चे का लिंग पता करने के लिए। (भाषा)