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Last Updated : गुरुवार, 29 जनवरी 2015 (15:53 IST)

विश्वकप में इन गेंदबाजों का रहेगा जलवा

विश्वकप में इन गेंदबाजों का रहेगा जलवा - Fast bowler can make difference in the world cup
वर्ल्डकप डेस्क 
जो क्रिकेटप्रेमी क्रिकेट विश्वकप को देखते हुए बड़े हुए हैं, उनके लिए 2015 विश्वकप पिछले संस्करणों से थोड़ा भिन्न होगा। इस विश्वकप में बैट और गेंद के बीच एक अद्भुत जंग देखने को मिलेगी। ऑस्ट्रेलिया की पिचों की बात करें तो यहां उछाल बहुत है जिससे कि तेज गेंदबाजों को बेशुमार मदद मिलती है।

 
इससे यह कहना कतई गलत ना होगा कि पेस बैटरी इस विश्वकप में महती भूमिका निभाएगी। यह विश्वकप पिछले विश्वकप संस्करणों से कैसे भिन्न होगा यह हम आपको बताते हैं। पिछले विश्वकप से उलट इस विश्वकप में गेंदबाज टीम के भाग्य को तय करेंगे। विश्वकप में सभी बड़ी टीमों के पास ऐसे बॉलर बड़ी संख्या में मौजूद हैं जो लगातार 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं।

वहीं साथ में फील्डिंग संबंधी नए नियमों ने टीमों की निर्भरता नियमित गेंदबाजों में बढ़ा दी है। साथ ही एक पारी में दो गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा। दो गेंदों का इस्तेमाल दो विपरीत छोरों से किया जाएगा, ऐसे में एक गेंद से 25 ओवर फेंके जाएंगे। तेज गेंदबाजों के लिए यह सबसे अच्छी खबर है क्योंकि पुरानी गेंद से उन्हें स्विंग या रिवर्स स्विंग हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 ऐसे में बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए उनके पास कई हथियार होंगे। साथ ही ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों में चौका य छक्का लगाना इतना आसान भी नहीं होगा। ऑस्ट्रेलिया के मैदानों की आउटफील्ड बहुत धीमी होती है। इसलिए बहुत कम शॉट मैदान के बाहर जा पाते हैं। बल्लेबाजों के पास 3-3 रन लेने का मौका कई बार होता है।

बल्लेबाजी के दौरान तीन रन लेने का मतलब है कि आपको चुस्त दुरुस्त होना चाहिए। फील्डिंग और बैटिंग दोनों में ही खिलाड़ियों को अपना कौशल दिखाना होगा। हालांकि, इस बार सभी टीमों के क्रिकेटर युवा हैं। ऐसे में मुकाबले दिलचस्प होंगे। मेजबान ऑस्ट्रेलिया मिचेल जॉनसन व मिचेल स्टार्क सरीखे गेंदबाजों के दम पर अपनी दावेदारी पेश करेगा।

वहीं न्यूजीलैंड ट्रेंट बोल्ट व एडम मिलने जैसे तेज गेंदबाजों के दम पर अपनी दावेदारी पेश करेगा। वहीं इस विश्वकप की सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही दक्षिण अफ्रीका के पास डेल स्टेन व मार्ने मोर्केल जैसे घातक गेंदबाज हैं। डेल स्टेन तेज गेंद के साथ गेंद को स्विंग कराना जानते हैं जो बल्लेबाज को भौचक्का छोड़ देते हैं वहीं मौर्ने मोर्केल अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए बल्लेबाज को बाउंसर से हैरान कर देते हैं।


दोनों गेंदबाज दक्षिण अफ्रीका के लिए बॉलिंग आक्रमण का आगाज करते हैं व अब तक एक साथ 200 विकेट ले चुके हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इंग्लैंड के पास जेम्स एंडरसन जैसा विशेषज्ञ गेंदबाज मौजूद है। जेम्स एंडरसन गेदों को दोनों ओर स्विंग कराने की क्षमता रखते हैं। साथ ही ऑस्ट्रेलिया की सीम कंडीशन उन्हें बहुत भाएंगी।

एंडरसन का अगर एक ओवर खराब भी चला जाए तो वे पूरे दमखम के साथ दूसरे ओवर में वापसी कर सकते हैं। ऐसे में इंग्लैंड का भाग्य विश्वकप में एंडरसन के चारों ओर घूमता नजर आएगा। साथ ही स्टीवन फिन अपनी उछाल भरी गेंदों से बल्लेबाजों को खूब परेशान करते हैं। इसका उदाहरण तो आप इंडिया के खिलाफ खेले गए मैच में ही देख चुके हैं जहां उन्होंने पांच भारतीय बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था।
जब तेज गेदबाजी की बात आती है तो पाकिस्तान के गेंदबाजों का नाम ना आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता। लेकिन इस विश्वकप में पाकिस्तान के पास इमरान खान और वसीम अकरम जैसा पेस अटैक मौजूद नहीं है। ना ही उनके पास वसीम अकरम जैसा पांसा पलटने वाला खिलाड़ी मौजूद जिसने 1992 के विश्वकप में एक जादुई स्पेल फेंक कर विश्वकप को पाकिस्तान की झोली में डाल दिया था।

पाकिस्तान के पास इरफान खान जैसा तेज गेंदबाज जरूर है जिसमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। इरफान खान विश्व के सबसे लंबे क्रिकेटर हैं। इनकी लंबाई 7 फीट 1 इंच है। हालांकि इन्होंने अपने छोटे से करियर के दौरान बहुत से उतार चढ़ाव का सामना किया है। अगर यह खिलाड़ी चल गया तो इसमें कोई संशय नहीं है कि यह इस विश्वकप में सबसे बेहतरीन गेंदबाज के रूप में उभरेंगे।
 
श्रीलंका इस बार भी फिर से लसिथ मलिंगा पर निर्भर रहेगी। लसिथ मलिंगा की यॉर्कर किसी भी टीम को चारों खाने चित्त करने में माहिर है। वहीं अगर पूर्व चैंपियन भारत की बात करें तो भारत की बॉलिंग की जिम्मेवारी भुवनेश्वर कुमार व स्टुअर्ट बिन्नी पर होगी। हालांकि उमेश यादव तेज पेस के साथ गेंद करने में तो सक्षम हैं लेकिन उनकी फॉर्म में अभी भी संशय बरकरार है।