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Written By Naidunia
Last Modified: इंदौर , शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011 (18:03 IST)

डीईओ ऑफिस में महिला लिपिक रंगेहाथो रिश्वत लेते पकड़ाई

डीईओ ऑफिस में महिला लिपिक रंगेहाथो रिश्वत लेते पकड़ाई -
लोकायुक्त पुलिस ने जिलाशिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक महिला लीपिक को रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा। लिपिक ने एक दृष्टिबाधित शिक्षक से जीपीएफ की राशि आहरित करवाने के लिए 2 हजार रुपए राशि की मांग की थी।रिश्वत नहीं देने से शिक्षक का प्रकरण महीनों से लंबित पड़ा था जबकि वह अपने 4 वर्ष के बच्चे का किडनी की बिमारी के इलाज के लिए प्राविडेंड फंड की राशि निकलवा रहे थे।


लोकायुक्त डीएसपी अशोक सोलंकी के मुताबिक गुरूवार को दोपहर सवा दो बजे जिलाशिक्षा अधिकारी कार्यालय में लिपिक सहायक ग्रेड दो पुष्पा ठाकुर को शासकीय कन्या प्राथमिक स्कूल क्रमांक 13 में पदस्थ सहायक शिक्षक रामाधार सेन से रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा। शिक्षक 2 हजार रुपए की राशि लेकर श्रीमती ठाकुर के कक्ष में पहुँचा और उन्होंने पैसे अपने बैग में रख लिए। तुरंत लोकायुक्त टीम के सदस्य कक्ष में पहुँचे और हाथ धुलवाने पर पानी गुलाबी हो गया। लिपिक ने शिक्षक से 2 लाख रुपए के जीपीएफ राशि आहरित करवाने के पहले एक प्रतिशत राशि की मांग की थी। कागजी कार्रवाई पूरी कर शाम को श्रीमती ठाकुर को जमानत पर छोड़ दिया गया। टीम में बीएस परिहार, एसएल कटारे, जीडी शर्मा थे।


दो माह तक आवेदन पड़ा रहा

फरीयादी शिक्षक श्री सेन ने बताया कि शासकीय स्कूल बाणगंगा संकुल पर जीपीएफ निकालने का आवेदन दिया था। संकुल पर ही 40 दिन तक आवेदन पड़ा रहा। इसके बाद डीईओ ऑफिस भेजा यहाँ भी 15-20 दिन तक प्रकरण अटका रहा। श्रीमती ठाकुर के पास 7-8 बार चक्कर काटे लेकिन हर बार टाल दिया जाता। एक-दो दिन पहले कुल राशि के एक प्रतिशत देने की मांग की थी।


बेटे का ऑपरेशन ब्याज पर पैसे लेकर करवाया

श्री सेन ने बताया कि चार वर्ष के बेटे गौरव की किडनी खराब है उसका नागपुर में 4 लाख रुपए के खर्च पर ऑपरेशन करवाया। जीपीएफ की राशि नहीं निकलने से ब्याज पर पैसे लेकर इलाज करवाया। अब लोन के पैसे चुकाने के लिए जीपीएफ राशि पर ही निर्भर है।


कार्यालय में हड़कंप, अधिकारी नदारद

गुरूवार को लोकायुक्त का छापा पड़ते ही डीईओ ऑफिस में हड़कंप मच गया। कार्यालय में मौजूद कोई भी अधिकारी अपने कक्ष से बाहर नहीं निकला। इधर ठीक सवा दो बजे कार्रवाई होते ही जिलाशिक्षा अधिकारी रजनी जादौन को सूचित किया गया लेकिन वे कार्यालय में 4 बजे पहुँची। सूचना मिलते ही कनकेश्वरीधाम में आयोजित बैठक से तुरंत निकल गए लेकिन कार्यालय आने में 2 घण्टें लग गए। इतनी बड़ी कार्रवाई के दौरान अधिकारी का कार्यालय में तुरंत उपस्थित नहीं होने से काफी प्रश्न उठे। इधर श्रीमती ठाकुर की जमानत लेने को भी कोई तैयार नहीं था।


संकुल व्यवस्था भी घेरे में

इधर श्री सेन ने बाणगंगा संकुल पर आवेदन किया था तो वहाँ भी 40 दिन आवेदन पड़े रहने से वह भी लोकायुक्त व विभागीय कार्रवाई के घेरे में आ गए है। उन्होंने बताया कि संकुल के बाबु शिवनारायण पुरोहित ने भी 500 रुपए की मांग की थी। इधर संकुल प्राचार्य टीएस डाबर से भी स्पष्टीकरण मांगा जाऐगा।


मुझे फँसाया गया है

श्रीमती ठाकुर पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर रो पड़ी। उन्होंने कहा कि उन्हें फँसाया गया है और शिक्षक खुद भी बैग में पैेसे रखकर चला गया। हाथ धुलवाने पर पानी भी गुलाबी नहीं हुआ था।


नियमानुसार विभागीय कार्रवाई होगी

मैंने श्रीमती ठाकुर को शिक्षक का कार्य जल्दी से जल्दी करने के निर्देश दिए थे। लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथों रिश्वत लेते पकड़ा है नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाऐगी। वहीं संकुल प्राचार्य व बाबू को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले की जाँच की जाऐगी।


रजनी जादौन

जिलाशिक्षा अधिकारी, इंदौर