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Last Modified: सोमवार, 4 जून 2018 (11:58 IST)

वायरल न्यूज़, मुस्लिम युवक ने हिंदू बच्चे की जान बचाने के लिए तोड़ा रोजा

वायरल न्यूज़, मुस्लिम युवक ने हिंदू बच्चे की जान बचाने के लिए तोड़ा रोजा - Muslim, roza Ramzan Hindu child
एक खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है कि एक मुस्लिम युवक ने एक हिन्दू परिवार के बच्चे की जान बचाने के लिए रोजा तोड़ा। दरअसल, दरभंगा के मोहम्मद अशफाक ने अपना रोजा तोड़कर बच्चे को खून दिया ताकि उसकी जान बच सके। इस तरह, अशफाक ने जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे से नफरत करने वाले लोगों को संदेश दिया है कि इंसानियत से बढ़कर कोई मजहब नहीं होता है।
 
जानें, क्या है पूरा मामला..  
 
दरभंगा के एसएसबी जवान रमेश कुमार सिंह की पत्नी आरती ने एक निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन के बाद एक बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन जन्म के बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ने लगी, तो उसे आईसीयू में रखा गया। डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने के लिए खून की मांग की, लेकिन नवजात बच्चे का ब्लड ग्रुप ओ-नेगेटिव होने के कारण खून आसानी से नहीं मिल पा रहा था।
 
बच्चे को बचाने के लिए परिवारवालों ने सोशल मीडिया पर मैसेज भेजा। सोशल मीडिया के जरिये जब यह मैसेज मोहम्मद अशफाक तक पहुंचा, तो उसने तुरंत पीड़ित परिवार से संपर्क किया और अस्पताल पहुंच गया। लेकिन रोजे पर होने के कारण डॉक्टरों ने उसका खून लेने से इनकार कर दिया। लेकिन अशफाक ने देर न करते हुए बच्चे की जान बचाने का फैसला किया। अशफाक ने पानी पीकर और कुछ खाकर अपना रोजा खोला, जिसके बाद डॉक्टर ने उनका खून निकाला और बच्चे की जान बच गई।
 
बच्चे की जान बचाने के बाद अशफाक ने कहा, “किसी इंसान की जान बचाना, रोजे से ज्यादा मायने रखता है। रोजा तो मैं बाद में भी रख सकता हूं, लेकिन अगर किसी की जिंदगी चली गई तो फिर लौट कर नहीं आ सकती। मुझे इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि बच्चा किस जाति या धर्म का है”।
 
अशफाक की ही तरह, बिहार के गोपालगंज के जावेद आलम 8 साल के थैलीसिमिया पीड़ित पुनीत के लिए और देहरादून के आरिफ खान लीवर संक्रमण से ग्रसित अजय के लिए रोजा तोड़कर इंसानियत की मिसाल पेश कर चुके हैं।
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