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Last Updated : शुक्रवार, 7 जून 2019 (12:30 IST)

क्या आदिवासियों ने नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों पर तीर से हमला किया…जानिए सच...

क्या आदिवासियों ने नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों पर तीर से हमला किया…जानिए सच... - Did Tribals shot arrows on Muslims offering namaz on Eid fearing land grabbing
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में एक शख्स के सीने पर तीर लगा हुआ दिख रहा है और कुछ लोग उसे उठा कर ले जा रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि आदिवासियों ने खुले में नमाज पढ़ने वाले मुस्लिमों पर तीर से हमला किया।

दावा क्या है?

फेसबुक और ट्वियर पर यह तस्वीर शेयर कर लिखा जा रहा है-

किशनगंज से खुबसुरत तस्वीर आई है। आदिवाशियो ने खुले में नवाज पढ़ रहे मुल्लो को तीर से घायल कर दिया और अपने जमीन पर नवाज पढ़ने से रोका



सच क्या है?

जब हमने इस तस्वीर की पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि यह तस्वीर बिहार के किशनगंज की ही है। वहां ईद के दिन यानि 5 जून को आदिवासियों ने कुछ स्थानीय मुस्लिमों पर तीर से हमला कर दिया था। लेकिन जो कहानी सोशल मीडिया पर फैलाई गई है, वह सच नहीं है।

दरअसल, यहां पिछले डेढ़ माह से एक चाय बागान पर आदिवसियों ने कब्जा किया हुआ था। स्थिति उस समय बिगड़ गई, जब 5 जून को वहां पूजा कर रहे आदिवासियों को रोकने के लिए गए बागान मालिक के लोगों और आदिवासियों के बीच झड़प हो गई और आदिवासियों ने उनपर तीर से हमला कर दिया।

इस हमले में एक युवक के सीने में तीर लगा था, उसी युवक की तस्वीर को सोशल मीडिया पर गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। लोकमत समाचार ने इस पर खबर की है।

आदिवासियों ने इससे पहले भी चाय बगान खाली कराने गए लोगों पर हमला किया है। 15 मई की दैनिक जागरण की खबर के अनुसार आदिवासियों ने कब्जा हटवाने गए लोगों पर तीर से हमला कर दिया था।

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार 30 अप्रैल को 56 आदिवासी परिवारों ने मो. अनवारुल के चाय बागान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी, लेकिन आदिवासी बागान में डटे रहे। उनकी मांग थी कि जब तक भूमिहीन आदिवासियों को रहने के लिए प्रशासन जमीन मुहैया नहीं कराती है तब तक वे यहीं बने रहेंगे।

वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि वायरल पोस्ट भ्रामक है। तस्वीर को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।