शनिवार, 27 अप्रैल 2024
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जब मां सरस्वती प्रकट हुईं तब क्या हुआ था सृष्टि में...

जब मां सरस्वती प्रकट हुईं तब क्या हुआ था सृष्टि में... - vasant panchami sarasvati poojan
सृष्टि की रचना के समय ब्रह्मा ने जीव-जंतुओं और मनुष्य योनि की रचना की। लेकिन उन्हें लगा कि कुछ कमी रह गई है जिसके कारण चारों ओर सन्‍नाटा छाया रहता है। ब्रह्मा ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुईं। उस स्‍त्री के एक हाथ में वीणा और दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। बाकि दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी।

ब्रह्मा ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही देवी ने वीणा का मधुरनाद किया, संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी मिल गई। मधुर शीतल जलधारा कलकल नाद करने लगी। मीठी हवा सरसराहट कर बहने लगी। चारों तरफ भीनी-भीनी सुगंध प्रवाहित होने लगी। धरा ने रंगबिरंगे फूलों के परिधान पहन लिए। पंछी मधुर स्वर में चहचहाने लगे..

चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा गई। वातावरण में प्रकृति के संगीत की धुनें बजने लगी...तब ब्रह्मा ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा। सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावा‍दिनी और वाग्देवी समेत कई नामों से पूजा जाता है। वो विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी हैं।

ब्रह्मा ने देवी सरस्‍वती की उत्‍पत्ति वसंत पंचमी के दिन ही की थी। इसलिए हर साल वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्‍वती का जन्‍मदिन मनाया जाता है।