सोमवार, 21 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. वेबदुनिया विशेष 08
  4. »
  5. वेलेंटाइन डे
Written By WD

अहसास

इश्क मोहब्बत
कुछ अहसास बेशक
खानाबदोश हो जाते हैं
ख्वाहिशों के पर लगाकर
जमीं से उड़ जाते हैं

मगर हालात इतने बुरे भी नहीं
तुम हमसे गिला न कर सको
जज्बात इतने गिरे भी नहीं
कि छूने की खता न कर सको

इश्क मोहब्बत के अलावा भी
कई नाम पाकीजा ह
हर उठती निगाह कहती है सब कुछ
कोई रंज नहीं गर खामोश जुबां है

खामोशी की आग में जलकर
हर लब्ज मुझ तक पहुँचता है
जैसे मेरे पैरों की खामोश पायल का
हर घुँघरू बोलता है.............