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Written By ND

समाजवादी पार्टी के खेवनहार अखिलेश यादव

अखिलेश यादव
ND
मुलायम सिंह यादव जब अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी चुनौती से जूझ रहे हैं तब उनके पुत्र अखिलेश यादव पार्टी के नए खेवनहार बनकर उभरे हैं । अखिलेश जिन्हें पार्टी और परिवार में पहले टीपू भइया और अब भइया कहा जाता है, समाजवादी पार्टी का युवा चेहरा हैंकांग्रेस ने जब राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश में सक्रिय किया था तभी मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश समाजवादी पार्टी की कमान सौंपकर यह संकेत दे दिया था कि अखिलेश ही उनके सियासी वारिस होंगे । अखिलेश ने भी पिता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की है । उनकी साइकिल यात्राओं ने प्रदेश भर में सपा कार्यकर्ताओं और पार्टी के जनाधार में नई जान फूंकी है ।

चुनावी पंडित जिस समाजवादी पार्टी को बिना अमर सिंह के उत्तर प्रदेश में बेअसर बताकर मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सूर्यास्त की भविष्यवाणी कर रहे थे वही अब समाजवादी पार्टी को न सिर्फ मुख्य मुकाबले में बता रहे हैं बल्कि कुछ तो उसे सबसे बड़े दल के रूप में उभरने की संभावना भी जता रहे हैं।

इसका श्रेय अखिलेश को ही जाता है । अखिलेश तीन बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं इसलिए चुनावी राजनीति के हथकंडों से वह बखूबी वाकिफ हैं । अपने मिलनसार व्यवहार से अखिलेश ने न सिर्फ कार्यकर्ताओं का दिल जीता है बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद भी पाया है।