Last Modified: मेरठ ,
शनिवार, 25 फ़रवरी 2012 (20:25 IST)
सपा लौटी तो होगा गुंडाराज-मायावती
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बसपा सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री मायावती ने सपा की बढ़त की अटकलों के बीच शनिवार को यहां कहा कि अगर सपा सत्ता में आती है तो प्रदेश में गुंडों और माफियाओं का राज फिर लौट आएगा और प्रदेश में जंगलराज स्थापित हो जाएगा। महिलाओं का घर से अकेले निकलना दूभर हो जाएगा।
मायावती ने चुनावी रैली में कहा कि कांग्रेस अगर प्रदेश की सत्ता में लौटने में सफल हो जाती है तो प्रदेश के गरीबों का दूसरे प्रदेशों में पलायन शुरु हो जाएगा। यही नहीं छोटे-छोटे कारोबार खत्म हो जाएंगे, क्योंकि एफडीआई नीति के तहत कांग्रेस छोटे कारोबारों को भी विदेशी कंपनियों के हाथ में दे देगी। ऐसे में यहां बेरोजगारों के लिए दूसरे प्रदेशों के लिए पलायन करना मजबूरी बन जाएगा।
मायावती ने सोनिया गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले कांग्रेस नेताओं की पोल सच्चर कमेटी खोल रही है। फिर भी कांग्रेस के नेता बटला हाउस मुठभेड़ को लेकर नाटकबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस अगर इस मामले में ईमानदार होती तो इसकी न्यायिक जांच करा कर देश के सामने सचाई सामने ला सकती थी। पिछड़ों के 27 फीसदी आरक्षण में नौ फीसद मुस्लिम आरक्षण देने की बात कर पिछड़ों के आरक्षण में कटौती की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा प्रदेश की सत्ता में आती है तो प्रदेश में सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हो जाएंगी। गरीब और धार्मिक अल्पसंख्यक का रहना दूभर हो जाएगा। हालांकि, तीनों पार्टियों ने चुनाव में अपनी पहले ही हार मान ली है।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने सबसे पहले हार मान ली है। यही वजह है कि कांग्रेस प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का सपना देख रही है। एनएचआरएम घोटाले की जांच दो-तीन दिन से काफी तेज हो गई है। इससे प्रदेश सरकार का कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि यह केन्द्र की योजना है। मायावती ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय पीठ के मामले को बसपा सरकार केन्द्र सरकार को भेज चुकी है, लेकिन केन्द्र ने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। 2007 में सत्ता संभालने के बाद प्रदेश के बंटवारे को लेकर केन्द्र को कई बार पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार प्रदेश के बंटवारे का प्रस्ताव पास कराकर केन्द्र को भेजना पड़ा है, लेकिन अभी तक केन्द्र ने इस मामले में भी कोई कदम नहीं उठाया है।
उन्होंने कहा कि जाटों के आरक्षण के लिए भी प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र को पत्र लिखा गया, लेकिन केन्द्र की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर गैर कांग्रेसी राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में सबसे ज्यादा सौतेला व्यवहार प्रदेश की बसपा सरकार के साथ हो रहा है। कई करोड़ रुपए हमारा केन्द्र के पास अटका पड़ा है, जिसके कारण प्रदेश का विकास थमा पड़ा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पैसा देते हुए ऐसा व्यवहार कर रही है, जैसे यह उसका अपना पैसा है, जबकि यह प्रदेश का संवैधानिक अधिकार है। मायावती ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए आटे में नमक के बराबर पैसा दिया जा रहा है।
गन्ना किसानों का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा सरकार ने प्रदेश में चीनी मिलों से गन्ना किसानों को दो हजार छह सौ करोड़ रुपया बकाया भुगतान कराया है। यही नहीं बसपा सरकार ने पिछले पांच साल में गन्ने का दाम 125 से 250 रुपए प्रति क्विंटल यानी दोगुना कर दिया है। (भाषा)