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Written By भाषा
Last Modified: देहरादून , बुधवार, 7 मार्च 2012 (00:26 IST)

भाजपा को जीत दिलाने में नाकाम रहे खंडूरी

भाजपा को जीत दिलाने में नाकाम रहे खंडूरी -
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में नेतृत्व का जिम्मा संभाल रहे भुवन चंद्र खंडूरी ने कांग्रेस के साथ लड़ाई को काफी नजदीक तक पहुंचा दिया, लेकिन पार्टी को जीत नहीं दिला सके।

78 वर्षीय खंडूरी के नेतृत्व में भाजपा को 31 सीटें मिलीं जो पिछले चुनावों के मुकाबले पांच कम है जबकि कांग्रेस 32 सीटें जीतकर 70 सदस्यीय विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।

भाजपा ने खंडूरी को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन वह अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार से ही चुनाव हार गए जहां कांग्रेस उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह नेगी ने उन्हें 4632 मतों से पराजित किया।

रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ पर भ्रष्टाचार के आरोप में संलिप्त रहने के बाद पिछले वर्ष सितम्बर में नेतृत्व परिवर्तन कर खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया था ताकि विधानसभा चुनावों में भाजपा को इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़े।

भाजपा ने भी अपना चुनाव प्रचार उत्तराखंड में खंडूरी की स्वच्छ छवि के इर्द गिर्द केंद्रित रखा। ‘खंडूरी है जरूरी’ नारे के साथ पार्टी चुनावी मैदान में उतरी। खंडूरी जहां चुनाव हार गए वहीं निशंक डोईवाला विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए।

खंडूरी के आलोचकों ने भी स्वीकार किया कि राज्य में पार्टी को उभारने में उन्होंने बड़ी भूमिका अदा की। (भाषा)