'देशद्रोह' के बयान को लेकर सपा - कांग्रेस का योगी पर हिटलरशाही का आरोप
लखनऊ। सपा और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गुरुवार को आरोप लगाया कि वे असहमति की किसी भी आवाज को देशद्रोह बताकर कार्रवाई की धौंस दे रहे हैं।
विधानसभा में सपा और विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने 'आजादी' के नारे लगाने को देशद्रोह बताने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुधवार के बयान पर कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेज भी स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकवादी कहते थे। अब उनके वंशज या उनका साथ देने वालों के वंशज आजादी के नारे लगाने वालों को देशद्रोही कह रहे हैं, तो इसमें बुरा मत मानिए। उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है और वे इसीलिए बड़बड़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि योगी देश को बांटने की सरकार की चालों से आजादी मांग रहीं महिलाओं को देशद्रोह की कार्रवाई की धौंस दे रहे हैं। आजादी इस देश के सभी लोगों का जन्मसिद्ध अधिकार है। इसे छीनने की कोशिश करने वालों को उसी तरह से जाना होगा, जैसे हिटलर गया था।
उत्तरप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री तानाशाह की भाषा बोल रहे हैं। अगर सरकार के दमन और नफरत की राजनीति का विरोध करना देशद्रोह है, तो सरकार सबसे पहले मुझे गिरफ्तार करे। सरकार डरी हुई है इसलिए कांग्रेस पर भी इन विरोध प्रदर्शन को प्रायोजित करने का आरोप लगा रही है। अगर लोग आंदोलित हैं तो सरकार उनकी आवाज क्यों नहीं सुनना चाहती?
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के प्रति असहमति को योगी देशद्रोह मानते हैं। उनकी यह बात लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि लखनऊ समेत प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं सीएए और एनआरसी से आजादी के नारे लगाकर अपनी तकलीफ बयान कर रही हैं। वे कह रही हैं कि सरकार ने जो संकट पैदा किया है, हम उससे आजादी चाहते हैं। मुख्यमंत्री अपना लोकतांत्रिक हक मांग रहीं महिलाओं को धमका रहे हैं।
इस सवाल पर कि 'योगी सपा पर महिलाओं को धन देकर प्रदर्शन करवाने का इल्जाम लगा रहे हैं', चौधरी ने कहा कि यह जनभावनाओं का मजाक उड़ाने वाली बात है। पूर्वोत्तर से लेकर देश का कोई राज्य नहीं बचा है, जहां ऐसे प्रदर्शन नहीं हो रहे हैं। क्या हम पूरे देश में हो रहे प्रदर्शनों में पैसे बांट रहे हैं? मालूम हो कि योगी ने बुधवार को कानपुर में एक कार्यक्रम में कहा था कि आजादी के नारे लगाना देशद्रोह की श्रेणी में आता है।
उन्होंने कहा था कि उत्तरप्रदेश के धरती पर मैं इस बात को कहूंगा कि धरना प्रदर्शन के नाम पर कश्मीर में जो नारे कभी आजादी के लगते थे, अगर इस प्रकार के नारे लगाने का कार्य करोगे तो यह देशद्रोह की श्रेणी में आएगा और फिर इस पर कठोर कार्रवाई करने का काम सरकार करेगी। भारत की धरती पर रहकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र की छूट किसी भी स्थिति में नहीं दी जा सकती।