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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020 (10:32 IST)

बलिया कांड के बाद एक्शन में योगी सरकार, SDM-CO सस्पेंड, आरोपियों की तलाश में लगी 12 टीमें

बलिया कांड के बाद एक्शन में योगी सरकार, SDM-CO सस्पेंड, आरोपियों की तलाश में लगी 12 टीमें - Balia case :  SDM, CO suspended
बलिया। लगता है उत्तर प्रदेश को किसी की नजर लग गई है। अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वही अब सत्तारूढ़ पार्टी के नेता अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं। ताजा मामला बलिया का है, जहां सरकारी सस्ता गल्ला कोटा आवंटन को लेकर खुले मैदान में बैठक चल रही थी। कोटा आवंटन को लेकर वोटिंग की बात सुनकर दो पक्षों में कहासुनी और मारपीट हुई, तभी फायरिंग हो गई और गोली लगने से जय प्रकाश की मौत हो गई।
 
बैठक में SDM और CO भी मौजूद थे। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
 
सरकार ने घटना की जानकारी मिलते ही योगी सरकार एक्शन में आ गई। आनन-फानन में SDM, CO समेत 8 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। घटना के समय बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
 
फायरिंग करने वाला धीरेंद्र प्रताप सिंह डबलू भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा है और बैरिया के भाजपा विधायक का करीबी बताया जा रहा है।
 
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी धीरेंद्र पक्ष का कोटे को लेकर एसडीएम से कहासुनी हुई। विवाद बढ़ने पर आरोपी धीरेंद्र ने घर से रिवाल्वर लाकर 10 राउंड फायरिंग कर दी और एक गोली 46 वर्षीय जय प्रकाश को लग गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस विवाद में जमकर लाठी डंडे, पत्थर भी चले, जिसमें काफी चोटिल हुए। घायलों को सीएचसी सोनबरसा पर भर्ती कराया गया है।
 
ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए गुरुवार की दोपहर पंचायत भवन पर खुली बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। सस्ते गल्ले की दुकान आवंटन के लिए 4 स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया। जिसमें से दो समूहों 'मां सायर जगदंबा'  और 'शिव शक्ति' स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया।
 
अधिकारियों ने वोटिंग का अधिकार उसी शख्स को होगा, जिसके पास आधार कार्ड या कोई मान्य पहचान पत्र होगा। 
 
इसके लिए स्वयं सहायता समूह का पक्ष तैयार था, दूसरा पक्ष नहीं, क्योंकि मतदान से इंकार करने वाले स्वयं सहायता समूह पर कोई आईडी प्रुफ नहीं था। इस बात को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए, मामला बिगड़ता देख बैठक की कार्रवाई को स्थगित कर दी गई।
 
पुलिस दोनों पक्षों को समझाने और विवाद शांत करने में जुट गई। एक पक्ष ने सक्षम अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाया तो दूसरे पक्ष ने आक्रोशित होते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। बस फिर क्या था नजारा खूनी संघर्ष में बदल गया। लाठी-डंडे, पथराव और गोलीबारी हुई, जिसमें दुर्जनपुर जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दी गई। 
 
पुलिस ने इस मामले को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए आठ लोगों पर बलवा और हत्या का मामला दर्ज किया है।
 
डीआईजी सुभाष दुबे ने घटनास्थल का जायजा लेते हुए कहा की आरोपियों की तलाश में 12 टीमें गठित की गई है, अब तक दो दर्जन स्थानों पर दबिश दी जा चुकी है। जल्दी ही मुख्य आरोपी सलाखों के पीछे होगा, ऐसी कार्रवाई की जायेगी जो नजीर बनेगी। सजा को देखकर अपराधियों को अपराध करने से पहले सोचना होगा।