• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उज्जैन न्यूज
  4. Initiative for prosperity through cultural self-respect and economic self-reliance from Ujjain
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 1 मार्च 2024 (10:18 IST)

उज्जैन रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 2024: सांस्कृतिक स्वाभिमान और आर्थिक आत्मनिर्भरता से समृद्धता की पहल

उज्जैन रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 2024: सांस्कृतिक स्वाभिमान और आर्थिक आत्मनिर्भरता से समृद्धता की पहल - Initiative for prosperity through cultural self-respect and economic self-reliance from Ujjain
डॉ. मोहन यादव
मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की नगरी उज्जयिनी अब आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक इतिहास रचने जा रही है। यहां आज से शुरू होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे और प्रदेश औद्योगिक, तकनीकी तथा आर्थिक विकास की दिशा में नई करवट लेगा। 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत दिन-प्रतिदिन विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। भारत अब न केवल अपनी आवश्यकता की पूर्ति अपने संसाधनों और उत्पादों से कर रहा है बल्कि रक्षा और वैज्ञानिक तकनीक के उत्पादनों में भी निर्यातक देश बन गया है। यह सब संभव हुआ है प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व, मार्गदर्शन और परिकल्पना के प्रति समाज के विश्वास और सहयोग के कारण। समाज के सभी वर्गों ने श्री मोदी जी की विकास की गारंटी पर विश्वास किया है। इसका स्वरूप अब पूरी दुनियां के सामने है।

आज से मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास का एक नया अध्याय प्रारंभ होने जा रहा है। उज्जैन में पहली बार "मध्यप्रदेश द फ्यूचर रेडी स्टेट थीम पर आधारित "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव-2024" आरंभ हो रही है। इसमें भारत के प्रमुख उद्योगपतियों सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फिजी, जर्मनी, गैबॉन, इज़राइल, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और जाम्बिया देशों के 30 से अधिक प्रतिनिधि तथा 650 से अधिक प्रमुख उद्योगपति सम्मिलित होंगे। दो दिनों तक चलने वाली इस कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के स्वर्णिम भविष्य की आधारशिला रखने के लिए बायर एंड सेलर मीट, बिजनेस टू बिजनेस सम्मेलन तथा पांच थीम आधारित सत्र होंगे।

यह सुखद संयोग है कि बाबा महाकाल की नगरी में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ विक्रमोत्सव का भी शुभारंभ हो रहा है। सम्राट विक्रमादित्य भारतवर्ष के सांस्कृतिक विकास, शौर्य और वैभव के प्रतीक है। वे अद्वितीय पराक्रम, न्याय और सुशासन व्यवस्था के ऐसे महान सम्राट थे जिनका समूचे संसार में श्रद्धा से स्मरण किया जाता है। उज्जैन में 40 दिनों तक चलने वाला विक्रमोत्सव सम्राट विक्रमादित्य की भव्यता, दिव्यता और विराटता के साथ आयोजित किया जायेगा।

यह आयोजन विक्रमादित्य के पुण्य स्मरण और उनके युग में भारत के उत्कर्ष, नवजागरण तथा ज्ञान परंपरा पर केंद्रित है। महान सम्राट विक्रमादित्य ने इसी उज्जयिनी से शकों पर विजय प्राप्त कर 57 ईसा पूर्व विक्रम सम्वत् की शुरुआत की थी। यह सम्वत् कालगणना और कालनिर्धारण का सर्वमान्य और वैश्विक प्रमाण माना जाता है। आज़ादी के अमृतकाल में भारतीय कालगणना की पद्धति को उज्जैन में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में पुनर्स्थापित किया जा रहा है। भारतीय खगोल सिद्धांत पर आधारित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी में मुहूर्त, घटी, पल, कास्ता, प्रहर, दिन-रात, पक्ष, अयन, सम्वत्सर, दिव्यवर्ष, मन्वन्तर, युग, कल्प, ब्रह्मा, मुख्य आधार हैं। इसे हमारे दृष्टा ऋषियों ने प्रतिपादित किया है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी में विक्रम पंचांग भी शामिल है। इसमें भारत के सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त भी समाहित रहेंगे।

उज्जयिनी के गौरवशाली अतीत से हम सभी परिचित हैं। भारत की सप्तपुरियों में से एक उज्जयिनी महर्षि सांदीपनि के आश्रम, भगवान श्रीकृष्ण-बलराम की शिक्षा स्थली, सम्राट विक्रमादित्य के गौरव, भर्तृहरि के ज्ञान के लिये तो प्रसिद्ध है ही, साथ ही ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में भी विश्व का मार्गदर्शन करती रही है। कर्क रेखा के समीप बसी इस
नगरी में विश्व प्रसिद्ध वेधशाला भी है। विश्व विख्यात उज्जयिनी में पहली बार विक्रम व्यापार मेला आयोजित हो रहा है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। हमारे विज़नरी प्रधानमंत्री जी का मानना है, कि "किसी भी देश की विकास यात्रा में एक ऐसा समय आता है जब सभी परिस्थितियां उसके पक्ष में होती है। यह वह समय होता है जब वह देश अपने आपको आने वाली कई सदियों के लिए मजबूत बना लेता है। में भारत के लिए आज वही समय देख रहा हूं। यह समयावधि अभूतपूर्व है।" प्रधानमंत्री जी की यह दृष्टि भारत के भविष्य निर्माण का एक ऐसा सकारात्मक मार्ग और मार्गदर्शन है जिस पर चलकर देश विश्व में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करेगा और विश्व गुरु बनेगा।

मध्यप्रदेश, प्रधानमंत्री जी के विज़न अनुरूप आगे बढ़ते हुए अधोसंरचना निर्माण के साथ व्यापार की गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहा है। इसी क्रम में, प्रदेश में पहली बार रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव शुरू करने की पहल की गई है। आने वाले समय में ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, टीकमगढ़ और सागर क्षेत्र में भी इसी प्रकार के आयोजन किये जाएंगे।

मध्यप्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र की अपनी क्षमता, मेधा और विशेषता है। क्षेत्रवार कॉन्क्लेव के आयोजन प्रदेश के हर क्षेत्र में व्यापार की संभावनाओं को व्यापक स्वरूप प्रदान करेंगे। इससे उद्योगों की प्रगति के गुणात्मक परिणाम प्राप्त होने की संभावनाएं विकसित होंगी। क्षेत्रवार उद्योगों की स्थापना से जहां व्यापार विस्तारित होगा, वहीं रोज़गार और स्व-रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे।

मध्यप्रदेश ने सभी सेक्टर के उद्योगों के लिए आधारभूत व्यवस्था कर उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार नीतियां विकसित की हैं। प्रदेश "ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस" की भावना को क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक अभ्युदय का विस्तार हो रहा है। इसी क्रम में, देश के पहले और अनूठे वीर भारत संग्रहालय के निर्माण का आज उज्जैन में शिलान्यास होने जा रहा है। वीर भारत संग्रहालय में पूर्व वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण-महाभारत काल, विक्रमादित्य युग, मध्य युग, पराधीनता के विरुद्ध सिंहनाद करते हुए भारत की सुदीर्घ परंपरा में तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, मंत्रदृष्टाओं, ऋषियों, संतो, मनीषियों, चिंतकों, कवि-लेखकों, कलाकारों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के अनुपम योगदान को रेखांकित किया जाएगा।

मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में गुड़ी पड़वा एवं उज्जैन गौरव दिवस के अवसर पर हम शिवज्योति अर्पणम् कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं। इसमें लगभग 27 लाख दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया जायेगा। निश्चित ही सरकार और समाज का यह साझा आयोजन हम सभी को अलौकिक आनंद की अनुभूति कराएगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मार्गदर्शन, उनकी विज़नरी लीडरशिप और सदैव उनका साथ हमें नवाचारों की प्रेरणा तथा निर्माण का संबल प्रदान कर रहा है। उनके प्रोत्साहन से आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की इन श्रृंखलाओं से प्रदेश में जो बदलाव आयेगा उससे औद्योगीकरण और तकनीकी विकास के साथ युवाओं को रोज़गार, स्व-रोज़गार के अवसर तो मिलेंगे ही, साथ ही प्रदेश के विकास में प्रतिमान भी स्थापित होंगे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इससे मध्यप्रदेश की प्रगति और समृद्धि की नई आधारशिला निर्मित होगी।

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के परिणामों को लेकर में, प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता के साथ यह अपेक्षा करता हूं कि देश का हृदय प्रांत मध्यप्रदेश, निरंतर नवाचारों से विकास का हृदय स्थल बनेगा और विकसित मध्यप्रदेश के संकल्प को पूरा कर विकसित भारत निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
(लेखक मध्यप्रदेश  के मुख्यमंत्री हैं)

ये भी पढ़ें
Live Updates : पीएम मोदी झारखंड को देंगे 35,700 करोड़ की सौगात