बिखरी आस निखरी प्रीत
लेख टंडन का नया धारावाहिक
फिर वही तलाश, फरमान, दरार, अधिकार, कहाँ से कहाँ तक, दिल दरिया और दूसरा केवल जैसे सफल धारावाहिकों का निर्देशन करने वाले लेख टंडन 78 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय हैं। लेखजी के नाम से मशहूर लेख टंडन इस समय अपने नए धारावाहिक ‘बिखरी आस निखरी प्रीत’ के निर्देशन में व्यस्त हैं। हमेशा नए कलाकारों को अवसर देने वाले लेख टंडन ने इस धारावाहिक में भी उभरते कलाकारों को मौका दिया है। द्विव्या द्विवेदी, पियूष सहदेव, अश्विनी वर्मा, अविनाश त्रिपाठी, अजीता कुलकर्णी जैसे नए कलाकारों के साथ भरत कपूर, अरुण बाली, जतिन स्याल, पृथ्वी जुत्सी, राजश्री, न्योनिका और कनिका बाजपेयी भी इसमें नजर आएँगे। इस धारावाहिक की कहानी ‘व्यवधान’ नामक उपन्यास से प्रेरित है। साठ के दशक में यह उपन्यास शांति कुमारी बाजपायी ने लिखा था और इसे कई पुरस्कार भी मिले थे। इसमें दो सहेलियों की कहानी है, जिनकी शादी एक साथ होती है। दोनों ही साथ में माँ बनने वाली हैं। वे एक-दूसरे से यह वादा करती है कि यदि एक को लड़का और दूसरी को लड़की होगी तो वे उनकी शादी रचाकर आपस में सहेली से समधन बन जाएगी। जिस सहेली को बेटा होता है वह अमीर बन जाती है, जबकि दूसरी सहेली बेटी को जन्म देने के बाद दुनिया को अलविदा कह देती है। आखिर अमीर सहेली अपना वादा किस तरह निभाती है, यह इस धारावाहिक में दर्शाया गया है। इस उपन्यास में मानवीय मूल्यों और आदर्शों की बात कही गई हैं, शायद इसीलिए यह उपन्यास समय-समय पर फिल्मवालों को आकर्षित करता रहा है। बीआर चोपड़ा ने इस उपन्यास पर फिल्म बनाने की सोची थी। उन्होंने मीना कुमारी, नूतन, सुनील दत्त और राजेन्द्र कुमार को चुन भी लिया था, लेकिन कुछ कारणों से फिल्म नहीं बन पाई। विजय आनंद भी फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी योजना भी अधूरी रह गई। अब लेख टंडन इस उपन्यास को धारावाहिक के रूप में पेश कर रहे हैं। इस धारावाहिक के बारे लेख टंडन कहते हैं ‘यह मेरे करियर का दूसरा ऐसा धारावाहिक है, जो उपन्यास से प्रेरित है। इससे पूर्व ‘आलमपनाह’ उपन्यास के आधार पर मैंने ‘फरमान’ धारावाहिक बनाया था। मैं जब कभी भी धारावाहिक बनाता हूँ तो कहानी पर ही अपना ध्यान केन्द्रित करता हूँ, क्योंकि कहानी ही स्टार होती है। यह धारावाहिक मैं दूरदर्शन के लिए इसलिए बना रहा हूँ क्योंकि दूरदर्शन पर पूरी आजादी मिलती है। मैं इतनी अच्छी कहानी के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहता था, इसलिए इसके प्रसारण के लिए मुझे दूरदर्शन ही सर्वथा योग्य नजर आया। उपन्यास के साथ न्याय करते हुए हमने इसकी शूटिंग बनारस में की है और अब कुछ शूटिंग मुंबई में कर रहे हैं।
निर्माता कनिका बाजपयी भी अपने इस धारावाहिक के निर्माण में किसी तरह की कमी रहने देना नहीं चाहती। यही वजह है कि इस धारावाहिक के लिए गीत नक्श लायलपुरी, माया गोविंद और अहमद वसी से लिखवाए गए और इन गीतों को बेजोड़ संगीतकार खय्याम द्वारा संगीतबद्ध किया गया है। धारावाहिक के गीत अलका याज्ञनिक, जसपिंदर नरुला, रुप कुमार राठौड़ और मधुश्री की आवाज में रेकॉर्ड किए गए हैं। इस धारावाहिक का प्रसारण दूरदर्शन पर होगा।