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Written By WD Sports Desk
Last Updated : बुधवार, 8 मई 2024 (16:01 IST)

T20I में रन लुटाने के लिए मशहूर सिराज और अर्शदीप को क्यों मिली विश्वकप में जगह?

T20I में रन लुटाने के लिए मशहूर सिराज और अर्शदीप को क्यों मिली विश्वकप में जगह? - Duo pacers Arshdeep Singh and Mohmmad Siraj have plenty of chinks in their Armours
भारत की टी20 विश्व कप टीम में चार स्पिनरों से पता चलता है कि भारतीय चयनकर्ताओं को अमेरिका और वेस्टइंडीज में स्पिन की अनुकूल धीमी पिचों की उम्मीद है लेकिन क्या उन्होंने 15 सदस्यीय टीम में केवल तीन तेज गेंदबाजों को चुनकर कोई गलती की है। तेज गेंदबाजी में पसंद पर भी सवाल उठे हैं।

आईपीएल शुरू होने से पहले तेज गेंदबाजी विभाग में सिर्फ जसप्रीत बुमराह का चयन तय था जबकि अन्य तेज गेंदबाजों को लीग में खुद को साबित करना था।मंगलवार को चुनी गई टीम को देखते हुए चयनकर्ताओं ने सुरक्षित रुख अपनाया और एक जून से शुरू होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट में बुमराह का साथ देने के लिए मोहम्मद सिराज और अर्शदीप सिंह को चुना।

संदीप शर्मा, आवेश खान और टी नटराजन जैसे तेज गेंदबाजों को नजरअंदाज कर दिया गया जिन्होंने मौजूदा आईपीएल में डेथ ओवरों (अंतिम ओवरों) में अपने गेंदबाजी कौशल से प्रभावित किया।भारत के लिए सिराज ने 10 और अर्शदीप ने 44 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं। इन दोनों का मौजूदा आईपीएल में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन भारत के लिए उनके अतीत के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें टीम जगह मिली है।

यह जोड़ी नई गेंद को स्विंग कराने की क्षमता रखती है लेकिन क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि कोई गेंदबाज डेथ ओवरों में बल्लेबाजों को कैसे रोकता है। यह खेल का वह पहलू है जिसमें अर्शदीप और सिराज दोनों ही आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।

सिराज ने 9.50 रन प्रति ओवर की दर से रन दिए हैं जबकि अर्शदीप काफी महंगे साबित हुए हैं और उन्होंने प्रति ओवर 9.63 रन की दर से रन लुटाए हैं। अर्शदीप ने हालांकि नौ मैच में 12 विकेट चटकाए हैं। उन्होंने 2022 टी20 विश्व कप में भी 10 विकेट हासिल किए थे।
 

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप का डेथ ओवरों में प्रदर्शन चिंताजनक है लेकिन चयनकर्ताओं ने राष्ट्रीय स्तर पर उनके अच्छे रिकॉर्ड पर भी विचार किया है। उन्होंने 20.87 के औसत और 8.63 की इकोनॉमी रेट से 62 विकेट लिए हैं। सिराज ने टी20 अंतरराष्ट्रीय में 8.78 की इकोनॉमी रेट से रन दिए हैं।

पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की राय में विश्व कप में तीन तेज गेंदबाजों को ले जाना काफी होगा और उन्हें चुने गए खिलाड़ियों से भी कोई दिक्कत नहीं है।लखनऊ सुपर जाइंट्स के रणनीतिक सलाहकार प्रसाद ने पीटीआई से कहा, ‘‘वहां की पिचों से धीमे गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है और इसीलिए वे चार स्पिन विकल्पों के साथ जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम एकादश में मैं हार्दिक पंड्या के साथ केवल दो विशेषज्ञ तेज गेंदबाजों को खेलता हुआ देखता हूं। मैं बुमराह और सिराज के साथ शुरुआत करना चाहूंगा लेकिन प्रबंधन विपक्षी बल्लेबाजों के संयोजन के आधार पर सिराज और अर्शदीप में से एक को चुन सकता है।’’

प्रसाद ने इसे ‘संतुलित टीम’ बताया, हालांकि उन्हें लगता है कि लोकेश राहुल इसमें जगह पाने के हकदार थे।भारत के पूर्व विकेटकीपर ने कहा, ‘‘बल्लेबाजी के नजरिए से यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकेश राहुल जैसा खिलाड़ी चूक गया है लेकिन मुझे यकीन है कि वह जोरदार वापसी करेगा।’’

हालांकि आईसीसी प्रतियोगिता के लिए भारत के गेंदबाजी संयोजन से जुड़े प्रसाद के विचारों से सभी सहमत नहीं हैं।ऑस्ट्रेलिया की टी20 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे आरोन फिंच को लगता है कि सिराज और अर्शदीप के लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण बुमराह को तेज गेंदबाजी विभाग में अधिक सहयोग की जरूरत है।

फिंच ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘मैं चार स्पिनरों से भी हैरान था। मैंने रिंकू (सिंह) और केवल दो स्पिनरों को चुना था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी शुरुआती टीम में मेरे पास अतिरिक्त तेज गेंदबाज थे क्योंकि मुझे लगता है कि गेंद के साथ जसप्रीत बुमराह के अलावा अन्य के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी को देखते हुए, विशेषकर पावर-प्ले में, मैं तेज गेंदबाजों के लिए अतिरिक्त सहयोग चाहता था।’’

फिंच ने कहा, ‘‘और यदि वे मैच में तीन स्पिनरों को खिलाना चाहते हैं तो उनमें से एक को पावरप्ले में गेंदबाजी करने के लिए तैयार रहना होगा और मैं उनमें से किसी को भी लगातार ऐसा करते हुए नहीं देखता।’’

वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज इयान बिशप ने कहा कि 15 सदस्यीय टीम में चार स्पिनरों की जरूरत नहीं थी।उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टूर्नामेंट में स्पिन की भूमिका होगी। मेरी एकमात्र चिंता यह है कि विश्व कप के लिए पिचें द्विपक्षीय श्रृंखला या घरेलू टूर्नामेंटों में देखी गई पिचों से थोड़ी अलग हो सकती हैं। इसलिए मुझे लगता है कि चार स्पिनरों की जरूरत नहीं थी।’’ (भाषा)