12 साल बाद शेयर बाजार के लिए सबसे खराब सप्ताह, अब 'Corona Virus' तय करेगा दिशा
नई दिल्ली। आगामी सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा कोरोना वायरस से संबंधित घटनाक्रमों से तय होगी। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद बीता सप्ताह शेयर बाजारों के लिए सबसे खराब रहा है। विश्लेषकों ने कहा कि निवेशक कोरोना वायरस के प्रभाव का आकलन करने में जुटे हैं।
शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स ने अपने इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की थी। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पहले लगाए गए अनुमान से कहीं अधिक रहेगा। दुनिया के 50 देशों के 85,000 से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। अब तक यह वायरस 2,900 लोगों की जान ले चुका है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि यदि यह संक्रमण बढ़ता है और अधिक समय तक बना रहता है और तेजी से फैलता है तो बाजारों के लिए जोखिम बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, 'यह संक्रमण कितनी तेजी से फैलता है और इसे कहां पर रोका जा सकता है, के आधार पर अगले सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। चीन की सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। अब सभी की निगाह इस बात पर है कि अन्य सरकारें अपनी अर्थव्यवस्थाओं के लिए क्या कदम उठाती हैं।'
चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर, 2019 की तीसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े शुक्रवार को आए हैं। तीसरी तिमाही की वृद्धि दर घटकर 4.7 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका करीब सात साल का निचला स्तर है। आगामी सप्ताह शेयर बाजार जीडीप़ी के आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया देंगे।
सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा कि आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह एसबीआई कार्ड्स के आईपीओ और राइट्स की बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर रहेगी। उन्होंने कहा कि इनका नतीजा कुछ भी रहे, बाजार की दिशा मुख्य रूप से वायरस और वैश्विक धारणा के आधार पर तय होगी।
शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,448.37 अंक या 3.64 प्रतिशत टूटकर 38,297.29 अंक पर आ गया।
बीते सप्ताह सेंसेक्स 2,872.83 अंक या 6.97 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 879.10 अंक या 7.27 प्रतिशत के घाटे में रहा।