• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. »
  3. क्रिकेट
  4. »
  5. समाचार
Written By भाषा

खेल से बड़ा कोई नहीं-सचिन

खेल से बड़ा कोई नहीं-सचिन -
भारत के क्रिकेट प्रेमियों के बीच भगवान जैसा दर्जा रखने वाले सचिन तेंडुलकर ने कहा कि खेल से बड़ा कोई नहीं है। अगर आप यह सोचने लगते हैं कि आप क्रिकेट से बड़े हैं तो जल्द ही धराशायी हो जाते हैं।

तेंडुलकर ने आज तक से कहा कि मैंने जब कोच रमाकांत आचरेकर से क्रिकेट खेलना सीखा तो उन्होंने मुझे साफ कहा कि मुझे न सिर्फ खेल का सम्मान करना पड़ेगा, बल्कि क्रिकेट की पूजा भी करनी होगी और इसके बाद ही क्रिकेट मेरा ख्याल रखेगा। मैं अब भी इसमें विश्वास रखता हूँ।

पाँच विश्व कपों में शिरकत करने वाले मुंबई के इस बल्लेबाज ने भारतीय उपमहाद्वीप में 2011 में होने वाले विश्व कप में खेलने पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई।

उन्होंने कहा कि हर क्रिकेटर विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनना चाहता है। मेरे साथ भी ऐसा ही है। अगर मुझे विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनने का मौका मिलता है तो यह बेहतरीन बात होगी।

तेंडुलकर ने क्रिकेट के अपने आदर्श खिलाड़ियों के रूप में सुनील गावस्कर और वेस्टइंडीज के विवियन रिचर्ड्स का नाम लिया।

सचिन के मुताबिक मैं हमेशा गावस्कर और रिचर्ड्स का संयोजन बनना चाहता था। मैं उनकी बल्लेबाजी शैली का कायल हूँ।

अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी के बारे में पूछे जाने पर तेंडुलकर ने कहा 1992 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में। मैं उस समय 18 साल का था और कठिन पिच ुर मैंने अपना तीसरा टेस्ट शतक लगाया था। यह मेरे करियर के लिए बेहद अहम साबित हुआ और मेरे आत्मविश्वास में काफी वृद्धि हुई।