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Last Modified: बुधवार, 7 दिसंबर 2022 (16:09 IST)

मान गए मीराबाई! कलाई में दर्द के बावजूद जीता विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक

मान गए मीराबाई! कलाई में दर्द के बावजूद जीता विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक - Weightlifter Mirabai Chanu bags silver in World Championships
बोगोटा (कोलंबिया):स्टार भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू कलाई में दर्द के बावजूद यहां विश्व चैंपियनशिप में कुल 200 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक जीतने में सफल रही। इस दौरान उन्होंने तोक्यो ओलंपिक की चैंपियन चीन की होउ झीहुआ को भी पछाड़ा।तोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता चानू ने मंगलवार रात 49 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए स्नैच में 87 किग्रा जबकि क्लीन एवं जर्क में 113 किग्रा वजन उठाया।

चीन की जियांग हुइहुआ ने कुल 206 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने स्नैच में 93 जबकि क्लीन एवं जर्क में 113 किग्रा वजन उठाया। उनकी हमवतन झीहुआ ने कुल 198 किग्रा (89 और 109 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक जीता।वर्ष 2017 में स्वर्ण पदक जीतने वाली मणिपुर की भारोत्तोलक का प्रतियोगिता में यह दूसरा पदक है।

चानू ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘पांच साल बाद विश्व चैंपियनशिप में एक और पदक जीतकर स्वदेश लौटना मेरे लिए भावनात्मक रूप से गौरवपूर्ण लम्हा है। विश्व चैंपियनशिप में हमेशा कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है क्योंकि सर्वश्रेष्ठ ओलंपियन शीर्ष स्तर पर चुनौती पेश करते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कलाई में दर्द था लेकिन मैं हमेशा देश के लिए पूरी जान लगाने के लिए तैयार रहती हूं। उम्मीद करती हूं कि मैं एशियाई खेलों और पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक के साथ भारत को ऐसे और लम्हें दूंगी।’’

चानू की कलाई में सितंबर में ट्रेनिंग सत्र के दौरान चोट लगी थी। उन्होंने चोट के बावजूद अक्टूबर में राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया था।भारत के मुख्य कोच विजय शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम चोट को लेकर अधिक कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि हम विश्व चैंपियनशिप से बाहर नहीं होना चाहते थे। अब हम उसकी कलाई पर ध्यान देंगे क्योंकि अगली प्रतियोगिता से पहले हमारे पास काफी समय है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम इस प्रतियोगिता के लिए कोई दबाव नहीं ले रहे थे। मीरा इतना वजन नियमित तौर पर उठाती है। अब हम वजन बढ़ाना और सुधार करना शुरू करेंगे।’’

कोच ने कहा, ‘‘मीरा को देखते हुए मुझे लगता है कि हम सही राह पर हैं और वह एशियाई खेलों तथा ओलंपिक में अपना शीर्ष खेल दिखाने के लिए कड़ी मेहनत करेगी।’’चानू के वर्ग में 11 भारोत्तोलकों की मौजूदगी के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी लेकिन अधिकांश भारोत्तोलकों ने अधिक जोर नहीं लगाने का फैसला किया। झीहुआ तो क्लीन एवं जर्क में अपने अंतिम प्रयास के लिए उतरी ही नहीं और कांस्य पदक से संतोष किया।

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक के बाद पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही चानू ने स्नैच में 84 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की। उन्होंने दूसरे प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया लेकिन यह वैध नहीं माना गया। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में सफलतापूर्वक 87 किग्रा वजन उठाया।

स्नैच के बाद पांचवें स्थान पर चल रही चानू ने क्लीन एवं जर्क में पहले प्रयास में 111 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की जो सभी प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे अधिक वजन था। चानू के पहले प्रयास को ‘नो लिफ्ट’ कहा गया जिसे भारत ने चुनौती दी लेकिन जजों ने इस फैसले को बरकरार रखा।

क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड धारक चानू ने अपने अगले दो प्रयास में 111 और 113 किग्रा वजन उठाया।मणिपुर की चानू का विश्व चैंपियनशिप में यह दूसरा पदक है। उन्होंने 2017 में स्वर्ण पदक जीता था।भारत के चार और भारोत्तोलक एस बिंदिया रानी देवी (59 किग्रा), सी ऋषिकांत सिंह (61 किग्रा), अचिंता श्युली (73 किग्रा) और गुरदीप सिंह (+109 किग्रा) भी विश्व चैंपियनशिप में चुनौती पेश कर रहे हैं।विश्व चैंपियनशिप 2022 पेरिस ओलंपिक 2024 की पहली क्वालीफाइंग प्रतियोगिता है। पेरिस में भारोत्तोलक की सिर्फ 10 स्पर्धाएं होंगी जबकि तोक्यो खेलों में 14 स्पर्धाएं थी।

ओलंपिक 2024 क्वालीफिकेशन नियम के अनुसार भारोत्तोलक के लिए 2023 विश्व चैंपियनशिप और 2024 विश्व कप में हिस्सा लेना अनिवार्य है।इसके अलावा भारोत्तोलक को 2022 विश्व चैंपियनशिप, 2023 महाद्वीपीय चैंपियनशिप, 2023 ग्रां प्री एक, 2023 ग्रां प्री दो और 2024 महाद्वीपीय चैंपियनशिप में से तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना होगा।क्वालीफाइंग प्रतियोगिता में भारोत्तोलक के तीन र्स्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर अंतिम आकलन होगा।(भाषा)
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