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Last Modified: बुधवार, 10 अप्रैल 2019 (22:17 IST)

संघों के आपसी टकराव में खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाना गलत : सहवाग

संघों के आपसी टकराव में खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाना गलत : सहवाग - Virendra Sehwag
नई दिल्ली। अपने जमाने के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खेल संघों की मान्यता और गैरमान्यता को मसला बनाकर खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के चलन का कड़ा विरोध करते हुए बुधवार को यहां उम्मीद जताई कि खेल मंत्रालय, भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल संघ भविष्य में इस मामले में सकारात्मक रवैया अपनाएंगे।
 
सहवाग ने आज यहां इंडो इंटरनेशनल प्रीमियर कबड्डी लीग (आईपीकेएल) का लोगो जारी किया, जिसका पहला चरण 13 मई से शुरू होगा। इस लीग को भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय संस्था से मान्यता हासिल नहीं है, जिससे इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर संशय बना हुआ है।
 
लेकिन सहवाग ने खिलाड़ी को हर नई लीग में खेलने मौका देने की वकालत करते हुए इस संदर्भ में 2007 में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) में खेल रहे खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को भी गलत करार दिया।
 
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। उन्हें हर लीग में खेलने की अनुमति मिलनी चाहिए। बाकी जिसे भी खेल मंत्रालय मान्यता देगा वह भारतीय टीम का चयन करेगा, लेकिन आपको किसी भी तरह की घरेलू लीग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी का ही चयन करना चाहिए। किसी खिलाड़ी को प्रतिबंध करने से उस खिलाड़ी और देश को नुकसान होगा।
 
सहवाग से पूछा गया कि क्या बीसीसीआई ने आईसीएल में खेल रहे खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाकर गलत किया था, उन्होंने कहा, वह गलत था लेकिन उसे बाद में हटा दिया गया था लेकिन वैसा नहीं होना चाहिए था। आईपीकेएल में खेल रहे खिलाड़ियों को नीलामी राशि के अलावा राजस्व का 20 प्रतिशत शेयर भी मिलेगा और सहवाग ने प्रत्येक खेल में इस तरह की व्यवस्था करने का समर्थन किया।
 
सहवाग ने कहा कि यह खिलाड़ी की स्थायी कमाई हो जाती है और वह सुनिश्चित रहता है कि उसे कम से कम इतनी धनराशि मिलेगी।
 
क्रिकेट में हमने इसके लिए लड़ाई लड़ी और हमें कुल राजस्व का 26 प्रतिशत (13 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और 13 प्रतिशत घरेलू खिलाड़ियों) मिलता है, लेकिन अन्य खेलों जैसे हॉकी, फुटबॉल में ऐसा नहीं है, इसलिए कबड्डी खिलाड़ियों के लिए अच्छा है कि उन्हें कुल राजस्व का 20 प्रतिशत मिलेगा। हो सकता है कि अन्य खेल भी इससे प्रेरणा लेकर भविष्य में ऐसा करें।
 
सहवाग ने इसके साथ ही कबड्डी को ओलंपिक में शामिल करने की भी वकालत की और कहा कि ऐसा होता है तो भारत का एक स्वर्ण पदक पक्का हो जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि ओलंपिक को खेल महाकुंभ कहा जाता है तो वहां हर खेल होना चाहिए। कबड्डी को निश्चित तौर पर ओलंपिक का हिस्सा बनाना चाहिए। ऐसा होता है तो मुझे उम्मीद है कि भारत एक स्वर्ण पदक पक्का हो जाएगा।
 
पिछले साल एशियाई खेलों में जकार्ता में कबड्डी में स्वर्ण पदक से चूकने की टीस अब भी सहवाग के मन में हैं और उन्होंने उम्मीद जताई कि नई लीग शुरू होने से देश को बेहतर खिलाड़ी मिलेंगे।
 
इस नई कबड्डी लीग का पहला चरण पुणे में 13 से 21 मई के बीच खेला जाएगा जबकि दूसरा चरण 24 से 29 मई के बीच मैसूर में खेला जाएगा। प्लेऑफ और फाइनल 1 से 4 जून के बीच बेंगलुरु में खेले जाएंगे। लीग के मैचों का प्रसारण डीस्पोर्ट्स, एमटीवी और डीडी स्पोर्ट्स पर किया जाएगा। इस लीग में 8 फ्रेंचाइजी टीमें भाग लेंगी।
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