प्रो लीग को वर्ल्ड रेसलिंग का पूरा सहयोग : लालोविच
नई दिल्ली। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने कहा है कि प्रो रेसलिंग लीग ने दुनियाभर के शीर्ष पहलवानों के लिए एक मंच तैयार किया है और वे इसे वैश्विक स्तर पर और ज्यादा प्रतिष्ठित बनाने के लिए भारतीय कुश्ती संघ और इसके आयोजकों की हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं।
सर्बिया के लालोविच यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (पहले फीला) के 7वें अध्यक्ष हैं। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में पीडब्ल्यूएल के टीम मालिकों को सम्मानित करते हुए कहा कि शुक्रवार को ऐसे ही व्यक्तियों को आगे बढ़ाने की जरूरत है, जो कुश्ती को आगे बढ़ाने के मिशन में भागीदार बने हैं।
उन्होंने कहा कि केवल 2 वर्षों में यह लीग उस मुकाम पर पहुंच गई है, जहां ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप का पदक विजेता बेसब्री से इस लीग का इंतजार करता है। एशियाई कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष दक्षिण कोरिया के डॉ. चांग के. किम ने कहा कि एशियाई महासंघ के लिए यह गर्व की बात है कि लीग का आयोजन एशिया में हो रहा है। उन्होंने भविष्य में और ज्यादा एशियाई खिलाड़ियों को लीग में मौका मिलने की इच्छा व्यक्त की।
इस कार्यक्रम के मेजबान प्रो स्पोर्टीफाई के फाउंडर और प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा ने डॉ. किम को भरोसा जताया कि लीग के तीसरे सीजन में ज्यादा एशियाई खिलाड़ी हिस्सा बनेंगे। उन्होंने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और भारतीय कुश्ती संघ को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उन्होंने 23 देशों से आए प्रतिनिधियों और पीडब्ल्यूएल के टीम मालिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस कदम से देश का नाम हो, खिलाड़ियों को फायदा पहुंचे, ऐसे हर काम के साथ जुड़ने के लिए प्रो स्पोर्टीफाई हमेशा तैयार है।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हम लीग को वैश्विक स्तर पर और प्रसिद्ध बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यह हमारी लीग है। पहलवानों की लीग है। जो पहले 2 आयोजनों में नहीं हुआ, वह हम अगले आयोजनों में करेंगे और दुनिया को दिखाएंगे कि भारत न सिर्फ पीडब्ल्यूएल का जन्मदाता है, बल्कि दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मेजबान देश भी है।
इस अवसर पर प्रो स्पोर्टीफाई द्वारा एशियाई चैंपियनशिप के लिए तैयार की गई स्मारिका का विमोचन किया गया जिसमें एशियाई चैंपियनशिप से जुड़े तथ्य, आंकड़े और अन्य रोचक सामग्री मुहैया कराई गई है। इस मौके पर एशियाई कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष डॉ. किम सहित 23 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। (वार्ता)